भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने विश्वास मत जीता, कांग्रेस का सदन से वॉक आउट

Punjab Government: पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय दिया था। संधवान ने कहा कि चर्चा के लिए दो घंटे का समय दिया गया है, जिसमें आप विधायकों को एक घंटा 34 मिनट, कांग्रेस को 19 मिनट, अकाली दल को तीन मिनट, बीजेपी को दो मिनट, बीएसपी को एक मिनट और निर्दलीय विधायक को एक मिनट का समय मिलेगा।

Bhagwant Mann

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान।

मुख्य बातें
  1. पंजाब सरकार ने विश्वास मत जीता
  2. कांग्रेस ने सदन से किया वॉक आउट
  3. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 27 सितंबर को सदन में पेश किया था विश्वास प्रस्ताव

Punjab Government: भगवंत मान (Bhagwant Mann) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने सोमवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायकों के वॉक आउट के बीच विश्वास मत हासिल कर लिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भारतीय जनता पार्टी पर उनकी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए 27 सितंबर को राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था। साथ ही आरोप लगाया था कि कांग्रेस पार्टी बीजेपी का साथ दे रही है।

पंजाब सरकार ने विश्वास मत जीता

पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए दो घंटे का समय दिया था। संधवान ने कहा कि चर्चा के लिए दो घंटे का समय दिया गया है, जिसमें आप विधायकों को एक घंटा 34 मिनट, कांग्रेस (Congress) को 19 मिनट, अकाली दल को तीन मिनट, बीजेपी (BJP) को दो मिनट, बीएसपी को एक मिनट और निर्दलीय विधायक को एक मिनट का समय मिलेगा।

जैसे ही विधानसभा में चर्चा शुरू हुई कांग्रेस विधायकों ने वॉक आउट कर दिया। कांग्रेस विधायक मांग कर रहे थे कि विधानसभा अध्यक्ष को उन्हें बोलने और शून्यकाल के दौरान मुद्दों को उठाने के लिए समय देना चाहिए। वहीं बीजेपी के दो विधायकों अश्विनी शर्मा और जंगी लाल महाजन ने सत्र का बहिष्कार किया, क्योंकि उन्होंने आप सरकार पर विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाकर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

सीएम भगवंत मान ने 27 सितंबर को सदन में पेश किया था विश्वास प्रस्ताव

27 सितंबर को विधानसभा सत्र के उद्घाटन के दिन सीएम मान की ओर से प्रस्ताव पेश किया गया था। प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने दावा किया कि बीजेपी ने अपने "ऑपरेशन लोटस" के तहत छह महीने पुरानी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी ने उसके कम से कम 10 विधायकों से 25-25 करोड़ रुपए की पेशकश के साथ संपर्क किया था।

कांग्रेस विधायकों के बाहर जाने के बाद प्रस्ताव लाया गया जबकि बीजेपी विधायकों ने वॉक आउट किया था। राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित द्वारा विधानसभा का सत्र आयोजित करने को लेकर राजभवन और आप सरकार के बीच कई दिनों तक चली तनातनी के बाद 27 सितंबर को सदन बुलाने की अनुमति देने के बाद सत्र बुलाया गया था।

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