Rajasthan: वो नेता जिसने खेती के लिए छोड़ दी थी पुलिस की नौकरी, ऐसे बने राजस्थान के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री

Bhairon Singh Shekhawat: वो नेता अपनी पत्नी से 10 रुपये का नोट लेकर घर से निकला था और चुनाव जीतकर वापस आया। जनता पार्टी ने जब पहली बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल की तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा? ये सवाल सबसे बड़ा था। खेती के लिए पुलिस की नौकरी छोड़ने वाले भैरो सिंह शेखावत ने बाजी मार ली।

भैरो सिंह शेखावत- राजस्थान के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री।

Rajasthan First Non Congress CM: 'परिवार के हालात ऐसे थे कि पुलिस नौकरी छोड़कर खेती की तरफ मुड़ना पड़ा..' ये भैरो सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने एक इंटरव्यू में बताया था। हालांकि उनके कई करीबी और दिग्गज ऐसा दावा कर चुके हैं कि सिनेमाघर में मारपीट के चलते उन्हें पुलिस की नौकरी से हाथ धोना पड़ा था। जिसके बाद वो खेती करने लगे, उनके बड़े भाई को चुनाव लड़ने का ऑफर आया। भाई ने छोटे भाई को टिकट दिला दिया। पहली बार चुनाव में उतरे तो जेब में 10 रुपये था और वापस लौटे जो झोली में जीत थी। भैरो सिंह शेखावत राजस्थान के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने। पुलिस की नौकरी, खेती, विधायक, मुख्यमंत्री और उपराष्ट्रपति... उनका सफर बेहद दिलचस्प है।

जब कांग्रेस को राजस्थान में पहली बार मिली पटखनी

वो दौर था जब इमरजेसी के बाद इंदिरा गांधी और कांग्रेस की उलटी गिनती शुरू हो चुकी थी। विपक्षी पार्टियों का नया संयुक्त परिवार जिसे जनता पार्टी के नाम से पुकारा जाता था, उसकी जीत हुई और मोरार जी देसाई देश के प्रधानमंत्री बने। इसी बीच 1977 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी की प्रचंड जीत हुई। मगर असमंजस इस बात की थी कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा। पद के लिए दो नेताओं को दावेदार माना जा रहा था मगर पार्टी में तीन धड़े थे।

पहले दावेदार- भैरो सिंह शेखावत, जनता पार्टी के जनसंघ गुट के नेता

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