Bharat Bandh Updates: भारत बंद का कई शहरों में दिखा असर, जगह-जगह बंद रहे बाजार, जानें सारा अपडेट

नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स ने बंद का छिटपुट असर देखा गया। बिहार और राजस्थान के कुछ जगहों पर बंद का असर दिखा। जयपुर के साथ साथ अजमेर सहित अनेक शहरों में प्रमुख बाजार बंद रहे और सड़कों पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में कम रहा। जानिए सारा अपडेट।

Bharat bandh live updates

दलित संगठनों का भारत बंद ऐलान

मुख्य बातें
  • दलित और आदिवासी संगठनों ने आज 'भारत बंद' का आह्वान किया
  • नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स ने मांगों की सूची जारी की
  • SC, ST अन्य पिछड़े वर्गों के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल
Bharat Bandh Today Updates: दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर बुधवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया। नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स (NACDAOR) ने मांगों की एक सूची जारी की है, जिसमें अनुसूचित जातियों (SC), अनुसूचित जनजातियों (ST) और अन्य पिछड़े वर्गों (OBC) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं। संगठन ने हाल में सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति विपरीत दृष्टिकोण अपनाया है, जो उनके अनुसार, ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा लिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी।

सरकार से फैसले को खारिज करने की मांग

एनएसीडीएओआर ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस फैसले को खारिज किया जाए क्योंकि यह अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों के लिए खतरा है। संगठन एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर संसद द्वारा एक नये कानून को पारित करने की भी मांग कर रहा है जिसे संविधान की नौवीं सूची में समावेश के साथ संरक्षित किया जाए।
रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सभी व्यापारिक संगठनों से दिन भर के विरोध प्रदर्शन के दौरान बाजार बंद रखने का आग्रह किया है। आज स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान बंद नहीं रहेंगे। अभी तक सरकारी कार्यालयों, बैंकों, स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग और पेट्रोल पंपों को बंद करने की कोई घोषणा नहीं की गई है।

जानिए बंद को लेकर अब तक का अपडेट

असम में भारत बंद का असर नहीं
समुदाय आधारित आरक्षण को लेकर कुछ संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत एक दिवसीय भारत बंद का असम में कोई असर नजर नहीं आया। राज्य भर में विद्यालयों, कार्यालयों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में कामकाज सामान्य ढंग से चला तथा कर्मियों की पूर्ण उपस्थिति रही। यातायात सामान्य रहा तथा लंबी दूरी की बसें निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार चलीं। रेलवे सेवाएं निर्बाध रहीं तथा सभी ट्रेनें समय से चल रही हैं। अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के विरोध में 21 संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है। इन संगठनों ने इस फैसले का यह कहते हुए विरोध किया कि इससे आरक्षण के मूल सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा।
बिहार मे बंद का असर
बिहार के जहानाबाद में भारत बंद का असर दिखने लगा है। सुबह से बंद समर्थकों ने जहानाबाद के उंटा मोड़ को जाम कर दिया है। जाम के कारण पटना गया NH 83 पर आवागमन बाधित है ।
सीवान- भारत बंद का सीवान में असर दिखा रहा है। SC/ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में सीवान भी बंद है। भीम सेना के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम किया, शहर की कुछ दुकानें भी बंद हैं। जेपी चौक सहित मुख्य चौराहों को बंद किया गया। भीम सेना के कार्यकर्ता जमकर कर नारेबाजी कर रहे हैं। इससे परीक्षार्थियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
राजस्थान में बंद का आह्वान
SC-ST आरक्षण को लेकर आज राजस्थान बंद का आह्वान। जयपुर समेत 16 जिलों के स्कूलों में छुट्टी। परीक्षाएं स्थगित, भरतपुर में बंद को कांग्रेस का समर्थन। प्रदेश के 16 जिलों में जिला कलेक्टरों ने स्कूलों में छुट्टी घोषित की। तीन यूनिवर्सिटी ने आज होने वाली परीक्षा भी स्थगित कर दी है। भरतपुर में सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक इंटरनेट भी बंद रहेगा। गंगापुर सिटी जिले के टोडाभीम में सरकारी स्कूल विशनपुरा के 12 टीचरों ने सीबीईओ को सामूहिक एप्लिकेशन देकर 21 अगस्त की छुट्टी मांगी है। जयपुर ग्रामीण के फुलेरा, चंदवाजी, रेनवाल और अचरोल, कोटा में शराब की दुकानें बंद रहेंगी। उधर, कई व्यापारिक और सामाजिक संगठनों ने इस बंद का विरोध भी किया है। पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की है। जयपुर कमीशनर ने शांति भंग करने वालों के साथ कड़ाई से निपटने को कहा है। बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने इस बंद को बेतुका बताते हुए कहा है कि - इसकी कोई जरूरत नहीं है। भारत बंद करने वाले राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं। क्रीमीलेयर को लेकर देश में जिस तरह से व्यवहार चल रहा है, उसमें मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हूं।

बसपा ने 'भारत बंद' का समर्थन किया

बहुजन समाज पार्टी ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बुधवार को किए गए 'भारत बंद' के आह्वान का समर्थन किया है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने एक्स पर कहा, बसपा भारत बंद के आह्वान का समर्थन करती है, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और अन्य पार्टियों के आरक्षण विरोधी षड्यंत्र और इसे निष्प्रभावी बनाकर अंततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण एक अगस्त 2024 को एससी-एसटी के उपवर्गीकरण में क्रीमी लेयर से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ दोनों समुदायों में भारी रोष व आक्रोश है। उन्होंने कहा, इसे लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज भारत बंद के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिये आरक्षण में हुए बदलाव को खत्म करने की मांग की जाएगी, जिसे बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शांतिपूर्ण तरीके से किए जाने की अपील है। मायावती ने लिखा, एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी (अन्य पिछड़े वर्ग) समाज को भी मिला आरक्षण का संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को भाजपा, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ कोई खिलवाड़ न करें।
बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं जन आंदोलन: 'भारत बंद' पर सपा प्रमुख अखिलेश
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत 'भारत बंद' का समर्थन किया और कहा कि ऐसे जन आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं। यादव ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक टिप्पणी में कहा, आरक्षण की रक्षा के लिए जन-आंदोलन एक सकारात्मक प्रयास है। ये शोषित-वंचित के बीच चेतना का नया संचार करेगा और आरक्षण से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के खिलाफ जन शक्ति का एक कवच साबित होगा। शांतिपूर्ण आंदोलन लोकतांत्रिक अधिकार होता है। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर जी ने पहले ही आगाह किया था कि संविधान तभी कारगर साबित होगा जब उसको लागू करनेवालों की मंशा सही होगी। सत्तासीन सरकारें ही जब धोखाधड़ी, घपलों-घोटालों से संविधान और संविधान द्वारा दिये गये अधिकारों के साथ खिलवाड़ करेंगी तो जनता को सड़कों पर उतरना ही होगा। जन-आंदोलन बेलगाम सरकार पर लगाम लगाते हैं।
राजस्थान के कई जिलों में ‘भारत बंद’ का असर
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत 'भारत बंद' का राजस्थान में मिला जुला असर देखा गया। राजधानी जयपुर के साथ साथ अजमेर सहित अनेक शहरों में प्रमुख बाजार बंद हैं और सड़कों पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में कम रहा। प्रशासन ने जयपुर सहित अनेक जिलों में स्कूल- कॉलेज में एहतियातन छुट्टी की घोषणा की है। यह 'बंद' सुबह नौ बजे शुरू हुआ और राज्य के अनेक जिलों में इसका असर रहा। प्रमुख बाजारों में दुकानें नहीं खुलीं। अनेक जगह रोडवेज की बस नहीं चलने से लोगों को परेशानी हुई। जयपुर की सड़कों पर भी अपेक्षाकृत कम वाहन द‍िखे। 'बंद' का आह्वान करने वाले संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रैलियां निकालीं। पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं।
उत्तर भारत के कई शहरों में भारत बंद का असर
अनुसूचित जाति और जनजाति मोर्चा व भीम आर्मी द्वारा बुलाए गए भारत बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी किया है, जिससे इसका प्रभाव कई शहरों में स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बिहार के जहानाबाद में इसका असर सुबह से ही दिखाई देने लगा। यहां के प्रमुख मार्गों, विशेषकर पटना-गया राष्ट्रीय मार्ग के ऊंटा मोड़ के पास बड़ी संख्या में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम कर दिया। इस जाम की वजह से वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भारत बंद समर्थकों ने सरकार से मांग की है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले को एक अध्यादेश के माध्यम से रद्द किया जाए।
रायपुर में कई स्कूलों में छुट्टियां
छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भारत बंद का असर अपेक्षाकृत कम देखा गया। चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया है, जिसमें छोटे व्यापारी और अन्य व्यावसायिक संगठन शामिल हैं। चेंबर ने बताया कि व्यापारिक संगठनों की बिना पूर्व सूचना के समर्थन न देने की परंपरा है, जिसके कारण कवर्धा में भारत बंद का प्रभाव सीमित रहा। रायपुर में बंद की वजह से कई स्कूलों में छुट्टियां दे दी गई हैं।
झारखंड के चाईबासा में भारत बंद का व्यापक
इसके अलावा झारखंड के चाईबासा में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के समर्थन के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों ने बाजारों को बंद करा दिया और वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। चाईबासा शहर के तांबो चौक पर सड़क को अवरुद्ध कर दिया गया है, और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता ने कहा कि आरक्षण में वर्गीकरण की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पटना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज
इंदौर में बेअसर रहा भारत बंद, भीम आर्मी के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को बुलाए गए भारत बंद का मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में कोई असर नजर नहीं आया। बंद के दौरान जन-जीवन तथा कारोबारी गतिविधियां सामान्य बनी रहीं। चश्मदीदों ने बताया कि शहर की सड़कों पर यातायात आम दिनों की तरह नजर आया और माल परिवहन की गतिविधियां भी सुचारू रूप से जारी रहीं। बंद के दौरान भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने ‘‘जय भीम’’ के नारे लगाते हुए धरना-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में शामिल विनोद यादव आम्बेडकर ने कहा, हम आरक्षण के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उप वर्गीकरण के विचार के खिलाफ हैं। देश में जातिगत जनगणना कराए बिना यह उप वर्गीकरण सरासर अनुचित होगा।
'भारत बंद का कोई असर नहीं'
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर और सब कैटेगरी सिस्टम लागू करने के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद है। इस बंद का पूरे देश में मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है। इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम ने भारत बंद को विफल बताया है। जफर इस्लाम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “भारत बंद का कोई असर नहीं है। देश की जनता और एससी-एसटी समुदाय के लोग जानते हैं कि अगर उनका कोई हितैषी है तो वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। 10 सालों में उन्होंने जो काम किया है, वह पिछले 65 सालों में नहीं हुआ। यह सारे लोग जो राजनीति कर रहे हैं, वह बस राजनीति कर रहे हैं।”
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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