बृजभूषण शरण सिंह के लिए बड़ी राहत, नाबालिग पहलवान के पिता ने यौन उत्पीड़न का फर्जी केस दायर करने की बात कबूली

Wrestlers Protest: नाबालिग पहलवान के पिता ने मना कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। इससे साफ है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला कमजोर हो सकता है।

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बृजभूषण शरण सिंह (तस्वीर-फेसबुक)

Wrestlers Protest: नाबालिग पहलवान के पिता ने बताया कि मैंने WFI प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी क्योंकि वह अपनी बेटी के साथ हुई नाइंसाफी से नाराज थे। इस खुलासे से बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ मामला कमजोर हो सकता है। पिछले 6 महीने से पहलवान यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। नाबालिग पहलवान की शिकायत के बाद पोक्सो कानून के तहत जांच चल रही है। नाबालिग के पिता ने पीटीआई से कहा कि यह बेहतर है कि सच अदालत में आने की बजाय अभी सामने आ जाए। उनसे पूछा गया था कि अब वह अपनी बात से क्यों पलट रहे हैं।

बृजभूषण पर फर्जी केस करने की बताई वजह

उन्होंने अपनी और अपनी बेटी की बृजभूषण के खिलाफ कड़वाहट का भी स्पष्टीकरण दिया। इसकी शुरूआत लखनऊ में 2022 में एशियाई अंडर 17 चैम्पियनशिप के ट्रायल से हुई जिसमें नाबालिग लड़की फाइनल में हारकर भारतीय टीम में जगह नहीं बना सकी थी। उन्होंने रैफरी के फैसले के लिए बृजभूषण को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि मैं बदले की भावना से भर गया था क्योंकि रैफरी के एक फैसले से मेरी बच्ची की एक साल की मेहनत बेकार हो गई थी। मैने बदला लेने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि मैच दिल्ली के एक पहलवान के खिलाफ था। यूडब्ल्यूडब्ल्यू और डब्ल्यूएफआई के नियमों का इसमें पालन नहीं किया गया। मुझे दिल्ली की पहलवान से कोई शिकायत नहीं है। वह भी मेरी बेटी जैसी है लेकिन रैफरी भी दिल्ली से था जिसने जान बूझकर मेरी बेटी को हराया।

बताई नराजगी की वजह

यह पूछने पर कि रैफरी के पक्षपात के लिए उन्हें बृजभूषण से नाराजगी क्यो हैं, उन्होंने कहा कि रैफरी कौन नियुक्त करता है। महासंघ ही ना। महासंघ का प्रमुख कौन है। इसलिए मैं उससे नाराज हूं। यह पूछने पर कि उन्होंने सिर्फ एक मुकाबला हारने के लिये इतने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आपको लगता है कि बात सिर्फ एक मुकाबले की है और शायद यह मायने भी नहीं रखता। लेकिन यह एक साल की मेहनत थी। एक बच्ची सर्जरी के बाद वापसी कर रही थी और हर दिन कई घंटे मेहनत करके लौटी थी, उसे इस एक मुकाबले की अहमियत पता है। उन्होंने कहा कि उस लड़की के पिता को उस एक मुकाबले की अहमियत पता है क्योंकि उसकी वजह से हम चार अंतरराष्ट्रीय दौरे और शायद चार पदक से चूक गए।

फैसला बदलने की वजह बताई

रोहतक के रहने वाले इस शख्स ने कहा कि वह और उनकी बेटी प्रदर्शनकारी पहलवानों के दबाव में नहीं हैं । उन्होंने कहा कि किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया। हमने खुद ही गलत फैसला लिया। वे भी गलत थे और गलत तो गलत ही है। उन्होंने यह नहीं बताया कि उनकी और प्रदर्शनकारी पहलवानों की बातचीत कैसे हुई। उन्होंने कहा कि कुछ बातें आधिकारिक ही रहने दें। कुछ चीजे व्यक्तिगत होती हैं। यह फिर पूछने पर कि उन्होंने अपना फैसला क्यो बदला, उन्होंने कहा कि अब चूंकि बातचीत शुरू हो गई है तो सरकार ने मेरी बेटी की पिछले साल हुई हार (एशियाई अंडर 17 चैम्पियनशिप ट्रायल) की निष्पक्ष जांच का वादा किया है । अब मेरा भी फर्ज है कि अपनी गलती सुधारूं।

अदालत की बजाय चीजें अभी स्पष्ट हो जाएं

उन्होंने कहा कि बेहतर यही होगा कि अदालत की बजाय चीजें अभी स्पष्ट हो जाएं। जब मैं महासंघ से बात कर रहा था तो उन्होंने भी गलत फैसले की बात स्वीकार करके कार्रवाई का वादा किया था। उसके बाद वे वादे से मुकर गए। यह छोटी बात नहीं है तो मेरा गुस्सा जायज है। मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। वहीं बृजभूषण ने नाबालिग पहलवान के पिता के इस ताजा बयान पर कहा कि उनके मन में किसी के लिए दुर्भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि उस लड़की को इस गलती के लिये उन पहलवानों ने गुमराह किया जो मेरे खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। मेरे मन में उसके या उसके परिवार के लिये कोई दुर्भावना नहीं है। मैं उसके परिवार के खिलाफ किसी कार्रवाई की मांग नहीं करता । यह मुझे बदनाम करने की साजिश थी।

बृजभूषण के खिलाफ केस मैंने किया था, बेटी ने नहीं

लड़की के पिता ने यह भी कहा कि बृजभूषण के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का फैसला उनका था, उनकी बेटी का नहीं। उन्होंने कहा कि यह मेरा फैसला था। मैं पिता हूं औंर मैं उस पर नाराज था। मैने उससे कहा कि बेटा ऐसी बातें हो रही है तो उसने कहा कि पापा आप देख लो। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनकी बेटी को अब न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैने उस विवादित मुकाबले के वीडियो साक्ष्य दे दिए हैं। मैं इस एक साल को वापिस नहीं ला सकता। इस पूरे विवाद के दौरान वह पांच जून को मुकाबला हारी और अवसाद में चली गई । क्या यह वापिस आ सकता है। उन्होंने इन मीडिया अटकलों को भी खारिज किया कि उनकी बेटी वयस्क है। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी नाबालिग है।

15 जून तक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा

उन्होंने हालांकि इस बारे में कुछ नहीं कहा कि झूठी एफआईआर दर्ज कराने के परिणाम भुगतने के लिये क्या वह तैयार हैं क्योंकि यह दंडात्मक अपराध है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 200 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं और 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा। खेलमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को यह आश्वासन दिया है। तब तक पहलवानों ने भी अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
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