बिहार में भाजपा को मिल गया नीतीश-तेजस्वी का तोड़, 2024 में काम आएगा ये फॉर्मूला !

Road To 2024 and Bihar By Election Result: गोपालगंज सीट के परिणाम से साफ हो गया है कि भले ही ओवैसी के विधायकों ने AIMIM का दामन छोड़ तेजस्वी यादव की पार्टी राजद में शामिल हो गए। लेकिन AIMIM के वोट बैंक पर असर नहीं हुआ है। और वहीं राजद की हार का कारण बना है।

मुख्य बातें
  • साल 2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 5 सीटें जीती थीं।
  • मोकामा में महागठबंधन के बावजूद जीत का अंतर कम हुआ है।
  • भाजपा के लिए जद(यू) के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाना आसान हो सकता है।

Road To 2024 and Bihar By Election Result: उप चुनाव में बिहार की गोपालगंज और मोकामा सीट के आए नतीजों ने साफ कर दिया है, कि नीतीश के पाला बदलने से महागठबंधन को भाजपा के मुकाबले एकतरफा जीत नहीं मिलने वाली है। उप चुनाव में जिस तरह नीतीश और तेजस्वी के साथ आने के बाद भी गोपालगंज सीट भाजपा ने जीती और मोकामा सीट पर हार का अंतर कम किया है, उससे यह बात साबित हुई है कि राजद और जद (यू) का वोट बैंक पूरी तरह से महागठबंधन की ओर शिफ्ट नहीं हुआ है। और मुस्लिम वोट बैंक में एक बार फिर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने सेंध लगाई है, जिसका खामियाजा गोपालगंज में तेजस्वी यादव को उठाना पड़ा है।

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गोपालगंज सीट के परिणाम से साफ हो गया है कि भले ही ओवैसी के विधायकों (4 विधायक राजद में शामिल हो चुके हैं) ने AIMIM का दामन छोड़ तेजस्वी यादव की पार्टी राजद में शामिल हो गए। लेकिन AIMIM के वोट बैंक पर असर नहीं हुआ है। और गोपालगंज में AIMIM उम्मीदवार अब्दुल सलाम को 7.5 फीसदी वोट के साथ 12214 वोट मिले। और इन वोटों के कारण, न केवल राजद और जद(यू) के मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगी। बल्कि नीतीश-जद (यू) के साथ आने के बावजूद भाजपा उम्मीदवार कुसुम देवी ने राजद उम्मीदवार मोहन लाल गुप्ता को 1794 वोटों से हरा दिया । अगर ओवैसी की पार्टी चुनावी मैदान में नहीं होती तो मुस्लिम वोट का एक बड़ा हिस्सा, महागठबंधन के पास जाता और भाजपा उम्मीदवार के लिए जीत की राह मुश्किल हो जाती।

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