Bihar Caste Census Economic Data: सामान्य वर्ग में सबसे अमीर कायस्थ तो सबसे गरीब भूमिहार, जानें अन्य जातियों का हाल
Bihar Caste Census Economic Data: बिहार में सामान्य वर्ग में सबसे गरीब भूमिहार और फिर ब्राह्मण समुदाय है। जनरल कैटगरी में सबसे कम गरीब कायस्थ समुदाय है। यानी यह वर्ग सबसे अमीर है। ओबीसी कैटिगरी के 33.16 प्रतिशत और ईबीसी के 33.58 परिवार गरीब हैं।



बिहार जातिवार गणना की आर्थिक रिपोर्ट।
Bihar Caste Census Economic Data: बिहार सरकार ने मंगलवार को जातिगत जनगणना के साथ आर्थिक एवं शैक्षिक सर्वे रिपोर्ट विधानसभा में पेश कर दिया। इस सर्वे रिपोर्ट में बिहार के जातियों की आर्थिक एवं शैक्षित स्थिति सामने आई है। कई चौंकाने वाले एवं दिलचस्प तथ्य भी सामने आए हैं। सबसे खास बात यह है कि बिहार में सामान्य वर्ग में सबसे गरीब भूमिहार और फिर ब्राह्मण समुदाय है। जनरल कैटगरी में सबसे कम गरीब कायस्थ समुदाय है। यानी यह वर्ग सबसे अमीर है। ओबीसी कैटिगरी के 33.16 प्रतिशत और ईबीसी के 33.58 परिवार गरीब हैं। अनुसूचित जातियों में 42.70 प्रतिशत एवं अन्य जातियों में 23.72 प्रतिशत परिवार गरीब हैं।
27.58 फीसदी भूमिहार परिवार गरीब
सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से गरीब परिवारों की संख्या से जुड़े सर्वे के मुताबिक राज्य में ब्राह्मण परिवारों की संख्या 10,76,563 है और इनमें से 2,72,576 परिवार गरीब हैं। इस तरह से ब्राह्मण समुदाय के 25.32 फीसदी परिवार गरीब हैं। भूमिहार परिवारों की संख्या 8,38,447 है और इनमें से 2,31,211 परिवार गरीब हैं। यानी भूमिहार समुदाय के 27.58 फीसदी परिवार गरीब हैं। राज्य में राजपूत परिवारों की संख्या 9,53,784 है और इनमें से 2,37,412 परिवार गरीब हैं। इस तरह से 24.89 फीसदी राजपूत परिवार गरीब हैं।
13.83% कायस्थ परिवार गरीब
राज्य में कायस्थ परिवार की संख्या 1,70, 985 है। इनमें से 23,639 परिवार गरीब हैं। गरीब कायस्थ परिवारों का प्रतिशत 13.83 है। राज्य में शेख परिवार 10,38,888 हैं और इनमें से 2,68,398 परिवार गरीब हैं। शेख परिवारों की गरीबी का प्रतिशत 25.84 है। जबकि पठान (खान) परिवार 1,89,777 हैं। इनमें से 42,137 परिवार गरीब हैं। इस जाति के 22.20 परिवार गरीब हैं। सैयद जाति राज्य में 59,838 है और इनमें से 10,540 परिवार गरीब हैं। इनकी गरीबी का प्रतिशत 17.61 है। बिहार में सामान्य वर्ग के कुल परिवारों की संख्या 43,28,282 है। इनमें से कुल 10,85,913 परिवार गरीब हैं। इस तरह से राज्य में सामान्य वर्ग में 25.09 फीसदी परिवार गरीब हैं।
General Category
जातिगत जनगणना के आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़ेसामान्य वर्ग के अंदर गरीब परिवारों की तादाद 25.09 फीसदी
पिछड़ा वर्ग के अंदर 33.16 फीसदी गरीब परिवार
अत्यंत पिछड़ा में 33.58 फीसदी गरीब परिवार
अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी गरीब परिवार
अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी गरीब परिवार
अन्य जातियों में 23.72 फीसदी गरीब परिवार
सामान्य वर्ग में सबसे अधिक गरीब भूमिहार समाज गरीब है
25.32 फीसदी भूमिहार परिवार गरीब
ब्रह्मण 25.3 फीसदी परिवार गरीब
राजपूत 24.89 फीसदी गरीब परिवार
कायस्थ 13.83 फीसदी गरीब परिवार
शेख 25.84 फीसदी गरीब परिवार
पठान (खान ) 22 .20 परिवार गरीब
सैयद 17.61 फीसदी गरीब परिवार
Bihar Caste Census Economic Data
बिहार में आबादीकीशैक्षणिक स्थिति
बिहार की 22.67 आबादी के पास वर्ग 1 से 5 तक की शिक्षा
वर्ग 6 से 8 तक की शिक्षा 14.33 फीसदी आबादी के पास
वर्ग 9 से 10 तक की शिक्षा 14.71 फीसदी आबादी के पास
वर्ग 11 से 12 तक की शिक्षा 9.19 फीसदी आबादी के पास
ग्रेजुएट की शिक्षा 7 फीसदी से ज्यादा आबादी के पास
Bihar Caste Census, Economic Data
नीतीश सरकार ने गत 2 अक्टूबर को जारी किया सर्वे
बता दें कि बिहार सरकार ने गत दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए। जातिगत सर्वे के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ के करीब है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अति पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और अनारक्षित यानी सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं। इस रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाया और आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े जारी करने की मांग की।
बिहार में जातियों का प्रतिशतमुसलमान- 17. 7088 फीसदी
यादव- 14. 2666 फीसदी
कुर्मी- 2.8785 फीसदी
कुशवाहा- 4.2120 फीसदी
ब्राह्मण- 3.6575 प्रतिशत
भूमिहार- 2.8683 प्रतिशत
राजपूत- 3.4505 प्रतिशत
मुसहर- 3.0872 प्रतिशत
मल्लाह- 2.6086 फीसदी
बनिया- 2.3155 फीसदी
कायस्थ- 0.60 फीसदी
सबसे ज्यादा आबादी अति पिछड़े वर्ग की
बिहार में जातीय जनगणना के जो आंकड़े जारी किए गए हैं। उसके मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा आबादी अति पिछड़े वर्ग की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सवर्ण एक तरह से काफी कम आबादी में सिमट गए हैं। आबादी के हिसाब से अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी है जिसकी संख्या 4,70,80,514 है। वहीं पिछड़ा वर्ग 27.12 फीसदी है जिनकी तादाद 3,54,63,936 है।
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