बिहार जातिवार गणना के आर्थिक एवं शैक्षिक आंकड़े आए सामने, सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार, 7 फीसदी ही ग्रेजुएट
Bihar Caste Census Economic and Educational Data: इस आर्थिक एवं शैक्षणिक रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले बातें भी सामने आई हैं। दिलचस्प बात यह है कि राज्य में केवल 7 फीसदी आबादी ही स्नातक (ग्रजेुएट) है। जबकि सामान्य वर्ग (जनरल कैटगरी) में 25.9 फीसदी परिवार गरीब हैं।
बिहार में सामान्य वर्ग में सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार हैं।
Bihar Caste Census Economic and Educational Data: बिहार की जातिगत जनगणना की रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा के पटल पर रखी जाएगी और इसके बाद इस पर चर्चा होगी। रिपोर्ट सदन में पेश होने से पहले इसके आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े सामने आए हैं। इस आर्थिक एवं शैक्षणिक रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले बातें भी सामने आई हैं। दिलचस्प बात यह है कि राज्य में केवल 7 फीसदी आबादी ही स्नातक (ग्रजेुएट) है। जबकि सामान्य वर्ग (जनरल कैटगरी) में 25.9 फीसदी परिवार गरीब हैं। सवर्णों में भी सबसे ज्यादा गरीब भूमिहार एवं ब्राह्मण समुदाय हैं।
जातिगत जनगणना के आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े- सामान्य वर्ग के अंदर गरीब परिवारों की तादाद 25.09 फीसदी
- पिछड़ा वर्ग के अंदर 33.16 फीसदी गरीब परिवार
- अत्यंत पिछड़ा में 33.58 फीसदी गरीब परिवार
- अनुसूचित जाति में 42.93 फीसदी गरीब परिवार
- अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी गरीब परिवार
- अन्य जातियों में 23.72 फीसदी गरीब परिवार
- सामान्य वर्ग में सबसे अधिक गरीब भूमिहार समाज गरीब है
- 25.32 फीसदी भूमिहार परिवार गरीब
- ब्रह्मण 25.3 फीसदी परिवार गरीब
- राजपूत 24.89 फीसदी गरीब परिवार
- कायस्थ 13.83 फीसदी गरीब परिवार
- शेख 25.84 फीसदी गरीब परिवार
- पठान (खान ) 22 .20 परिवार गरीब
- सैयद 17.61 फीसदी गरीब परिवार
- कुल मिला करा सामान्य वर्ग में 25.9 फीसदी परिवार गरीब
बिहार में आबादी की शैक्षणिक स्थिति
- बिहार की 22.67 आबादी के पास वर्ग 1 से 5 तक की शिक्षा
- वर्ग 6 से 8 तक की शिक्षा 14.33 फीसदी आबादी के पास
- वर्ग 9 से 10 तक की शिक्षा 14.71 फीसदी आबादी के पास
- वर्ग 11 से 12 तक की शिक्षा 9.19 फीसदी आबादी के पास
- ग्रेजुएट की शिक्षा 7 फीसदी से ज्यादा आबादी के पास
नीतीश सरकार ने गत 2 अक्टूबर को जारी किया सर्वेबता दें कि बिहार सरकार ने गत दो अक्टूबर गांधी जयंती के दिन जातिगत सर्वे के आंकड़े जारी किए। जातिगत सर्वे के मुताबिक बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ के करीब है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में अति पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत और अनारक्षित यानी सवर्ण 15.52 प्रतिशत हैं। इस रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाया और आर्थिक एवं शैक्षणिक आंकड़े जारी करने की मांग की।
बिहार में जातियों का प्रतिशत- मुसलमान- 17. 7088 फीसदी
- यादव- 14. 2666 फीसदी
- कुर्मी- 2.8785 फीसदी
- कुशवाहा- 4.2120 फीसदी
- ब्राह्मण- 3.6575 प्रतिशत
- भूमिहार- 2.8683 प्रतिशत
- राजपूत- 3.4505 प्रतिशत
- मुसहर- 3.0872 प्रतिशत
- मल्लाह- 2.6086 फीसदी
- बनिया- 2.3155 फीसदी
- कायस्थ- 0.60 फीसदी
सबसे ज्यादा आबादी अति पिछड़े वर्ग की
बिहार में जातीय जनगणना के जो आंकड़े जारी किए गए हैं। उसके मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा आबादी अति पिछड़े वर्ग की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में सवर्ण एक तरह से काफी कम आबादी में सिमट गए हैं। आबादी के हिसाब से अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01 फीसदी है जिसकी संख्या 4,70,80,514 है। वहीं पिछड़ा वर्ग 27.12 फीसदी है जिनकी तादाद 3,54,63,936 है।
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