नीतीश के 'सुशासन' पर सवाल उठाता है जातिगत सर्वे, 95.49% लोगों के पास गाड़ी नहीं, 32 फीसदी कभी स्कूल नहीं गए

Bihar Cast Census Report : इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की आबादी 13 करोड़ है और इसमें गरीब परिवारों की आबादी 34% है। यानी हर 10 में 3 लोग गरीब हैं। बिहार में शिक्षा का हाल भी बदहाल है। 32% लोग ऐसे हैं जो कभी स्कूल नहीं गए।

Nitish Kumar

बिहार में जातिगत सर्वे रिपोर्ट मंगलवार को विधानसभा में पेश हुई।

Bihar Cast Census Report : बिहार की नीतीश सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में जातिगत सर्वे पेश किया। इस सर्वे में कई चौंकाने वाले एवं दिलचस्प तथ्य सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में रहने वाले एक तिहाई से अधिक परिवार गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं और उनकी मासिक आय छह हजार रुपये या उससे कम है। राज्य में लगभग 2.97 करोड़ परिवार हैं जिनमें से 94 लाख से अधिक (34.13 प्रतिशत) परिवार गरीब हैं। बिहार में केवल 7989528 लोग स्नातक हैं जो कुल आबादी का 6.11 प्रतिशत है। शिक्षा और आय के ये आंकड़े नीतीश सरकार पर ही सवाल खड़े करते हैं क्योंकि उन्होंने 18 साल बिहार में सुशासन चलाया है। उन्हीं नीतीश कुमार के राज में बिहार का क्या हाल है, इसकी पोल खुद नीतीश कुमार की रिपोर्ट ने खोल दी है।

बिहार की आबादी 13 करोड़

इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक बिहार की आबादी 13 करोड़ है और इसमें गरीब परिवारों की आबादी 34% है। यानी हर 10 में 3 लोग गरीब हैं। बिहार में शिक्षा का हाल भी बदहाल है। 32% लोग ऐसे हैं जो कभी स्कूल नहीं गए। बिहार में इतनी गरीबी है कि 95% लोगों के पास कोई गाड़ी नहीं, कोई कार- टूव्हीलर नहीं है।

बिहार के आर्थिक सर्वे के मुताबिक बिहार में एक तिहाई आबादी सिर्फ महीने में 6 हजार या इससे कम कमाई में गुजारा करती है।

  • 6000 रुपये महीने इनकम वाले परिवार- 34.13%
  • 6000 से 10 हजार- 29.61% परिवार
  • 10 हजार से 20 हजार- 18.06% परिवार
  • 20 हजार से 50 हजार- 9.83% परिवार
  • 50 हजार से अधिक- 3.90% परिवार
  • आय की जानकारी नहीं देने वाले परिवार- 4.47%
बिहार में कितने लोगों के पास अपनी गाड़ी है, इसको लेकर नीतीश सरकारी की रिपोर्ट का आंकड़ा हैरान करने वाला है। विधान सभा में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक

  • बिहार में आज भी 95.49 प्रतिशत लोगों के पास कोई गाड़ी नहीं है। ऐसे लोग कहीं आने जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट या लोगों की मदद के भरोसे रहते हैं। कई बार इन्हें पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
  • राज्य में सिर्फ 3.8 प्रतिशत लोगों के पास ही टू व्हीलर हैं।
  • और बिहार का कुल आबादी में सिर्फ 0.44% लोगों के पास कार हैं।
  • जबकि सिर्फ 0.11 प्रतिशत लोगों के पास थ्री व्हीलर हैं।
  • 0.13 प्रतिशत लोगों के पास ट्रैक्टर हैं।
  • 6 पहिये या उससे अधिक भारी गाड़ियां सिर्फ 0.03 प्रतिशत लोगों के पास हैं।
लालू-नीतीश के 33 साल के राज में बिहार में शिक्षा स्थितिकभी स्कूल नहीं गए- 32.1%

5वीं तक पढ़ाई- 22.67%

8वीं तक पढ़ाई- 14.33%

10वीं तक पढ़ाई- 14.71%

12वीं तक पढ़ाई- 9.19%

ग्रेजुएट- करीब 7%

आरक्षण 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित

बिहार विधानमंडल में जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश करने के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने मंगलवार को पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए राज्य में आरक्षण 65 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। बिहार विधानमंडल के चालू सत्र के दौरान इस पर सदन में विधेयक लाया जाएगा। आरक्षण मिलना चाहिए जो मौजूदा 16 प्रतिशत से अधिक है। एसटी, जिनकी जनसंख्या में हिस्सेदारी 1.7 प्रतिशत है, का आरक्षण एक प्रतिशत से दोगुना कर दो प्रतिशत किया जाना चाहिए।

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