नीतीश पर दिखने लगा उम्र का असर, कहना कुछ चाहते, पर कह कुछ और जाते- बिहार CM पर PK का पलटवार

Prashant Kishor vs Nitish Kumar in Bihar: चुनावी रणनीतिकार के मुताबिक, वह (बिहार सीएम) भ्रम का शिकार हो गए हैं और सियासी तौर पर अकेले पड़ गए हैं। वह ऐसे लोगों से घिर गए हैं, जिन पर वह यकीन नहीं कर सकते हैं।

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Prashant Kishor vs Nitish Kumar in Bihar: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार किया है। उन्होंने दो टूक कहा है कि सीएम पर उम्र का असर दिखने लगा है। वह कहना कुछ चाहते हैं, पर असल में कह कुछ जाते हैं।
पीके ने समाचार एजेंसी एएनआई से रविवार (नौ अक्टूबर, 2022) को कहा- कुमार पर उम्र का असर दिख रहा है। वह कहना तो कुछ चाहते हैं, पर कह कुछ और जाते हैं। अगर मैं बीजेपी के एजेंडा पर काम कर रहा होता तो मैं कांग्रेस को मजबूत करने की बात क्यों करता? वह भ्रम का शिकार हो गए हैं और सियासी तौर पर अकेले पड़ गए हैं। वह ऐसे लोगों से घिर गए हैं, जिन पर वह यकीन नहीं कर सकते हैं।
दरअसल, बिहार सीएम ने एक रोज पहले यानी शनिवार (आठ अक्टूबर, 2022) को फिर कहा कि पीके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए काम कर रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार से जो कुछ बुलवाया जा रहा वह बोल रहे हैं। कुमार ने पीके की जनसुराज यात्रा पर पत्रकारों से सवालों का जवाब देते हुए कहा चुनावी रणनीतिकार का राजनीति से कोई मतलब नहीं है। वह सिर्फ कुछ बोलने के लिए अपना बयान देते रहते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। यही नहीं, सीएम ने यह भी साफ किया कि उन्होंने कभी भी उन्हें मिलने के लिए नहीं बुलाया था बल्कि वह खुद उनसे मिलने आए थे।
कुमार ने यह दावा भी किया कि पीके ने उनसे जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) का कांग्रेस में विलय कर लेने को कहा था। समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण के जन्मस्थान सिताब दियारा में पत्रकारों से वह बोले थे कि किशोर भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। बकौल बिहार सीएम, ‘‘ हाल में वह अपनी मर्जी से मुझसे मिलने आए थे। मैंने उन्हें निमंत्रित नहीं किया था। वह बहुत कुछ बोलते हैं, लेकिन इस तथ्य को छिपा जाते हैं कि एक बार उन्होंने मुझसे मेरी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर लेने को कहा था। ’’
राजनीतिक परामर्श कंपनी आई-पैक के संस्थापक किशोर को कुमार ने 2018 में जद(यू) में शामिल किया था और कुछ ही सप्ताह के अंदर उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था। लेकिन संशोधित नागरिकता कानून, राष्ट्रीय नागरिक पंजी पर कुमार से मतभेद होने के बाद कुमार को जद(यू) से निष्कासित कर दिया गया था। मई में किशोर ने ‘जन सुराज’ की घोषणा की। वह फिलहाल 3500 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं, जो बिहार के चप्पे-चप्पे से गुजरेगा। (एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author

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