बिहार में बाढ़ से मचा हाहाकार, कई स्थानों पर टूटे बांध, 16 लाख लोग प्रभावित

बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक पड़ा है।

Flood in bihar

बिहार में बाढ़

Bihar Flood Update: बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। कोसी नदी सहित कई नदियों में उफान से कई जिलों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं और राहत-बचाव कार्य जोरों से चलाया जा रहा है। राज्य के लिए और अधिक एनडीआएफ टीम भेजी जा रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनडीआरएफ की कई टीमों को बिहार भेजने का निर्णय लिया है। झारखंड और उत्तर प्रदेश से एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। उत्तर बिहार के जिलों मे बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट है। तीन एनडीआरएफ टीम वाराणसी से और तीन एनडीआरएफ की टीम को रांची से बुलाया गया है। इसके अतिरिक्त बिहार में पहले से ही एनडीआरएफ की 12 और एसडीआरएफ की 22 टीमें बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।
कोसी नदी के पानी ने राज्य के कई पूर्वोत्तर जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है। ये नजारा सुपौल का है जहां बाढ़ जैसे हालात से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
वहीं, बिहार के मुजफ्फरपुर में बाढ़ जैसी स्थिति के कारण कटरा में बकुची पावर ग्रिड परिसर में पानी घुस गया।

बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार चिंताजनक

बिहार में बाढ़ की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। कई स्थानों पर नदियों के तटबंध टूट गए हैं और वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में बाढ़ का पानी घुस गया है जिसका असर भारत-नेपाल सीमा से लगते जिलों पर सबसे अधिक पड़ा है। सीतामढ़ी जिले के मधकौल गांव में बागमती नदी के तटबंध में रविवार को जहां दरार की खबर आई, वहीं पश्चिमी चंपारण में गंडक नदी पर पानी के अत्यधिक दबाव के कारण बगहा-1 प्रखंड में नदी के बाएं किनारे पर स्थित तटबंध शाम 4.50 बजे क्षतिग्रस्त हो गया जिससे बाढ़ का पानी पश्चिमी चंपारण जिले के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में भी प्रवेश कर गया। इससे वहां के वन्यजीवों को खतरा उत्पन्न हो गया है।

बागमती नदी उफान पर

राज्य जल संसाधन विभाग ने कहा कि बागमती नदी के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि और पानी के बढ़ते दबाव से सीतामढ़ी जिले के बेलसंड, परसौनी, बरगैनिया और रसलपुर प्रखंडों और शिवहर जिले के पिपराही, पुरनहिया और शिवहर प्रखंडों में बागमती नदी के बाएं और दाएं तटबंध पर कई जगह रिसाव की सूचना मिली जिन्हें तत्काल दुरूस्त किया गया। बयान में कहा गया है कि डब्ल्यूआरडी ने रविवार को तटबंध क्षतिग्रस्त होने, कार्य में लापरवाही बरतने एवं जिला प्रशासन से उचित समन्वय न रखने के आरोप में बगहा के कार्यपालक अभियंता (बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल) निशिकांत कुमार को निलंबित कर दिया।

कई नदियों का जलस्तर अधिकतम पहुंचा

बयान के अनुसार बिहार की अन्य नदियों में भी इस साल का अधिकतम जलस्तर दर्ज किया गया। कमला बलान नदी के झंझारपुर मापक स्थल पर जलस्तर 52.10 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 2.10 मीटर अधिक है। ललबेकिया नदी के गोवाबाड़ी मापक स्थल पर जलस्तर 72.70 मीटर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से 1.55 मीटर अधिक है। महानंदा नदी के तैयबपुर एवं ढ़ेगराघाट मापक स्थलों पर क्रमशः 66.81 मीटर एवं 37.22 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया है, जो खतरे के निशान से क्रमश: 0.81 मीटर एवं 1.57 मीटर अधिक है। कमला बलान, ललबेकिया एवं महानंदा नदी के तटबंध और संरचनाएं सुरक्षित है।
डब्ल्यूआरडी के मुताबिक रविवार को छोटी नदियों में जलस्तर में कमी आई है लेकिन कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है और करीब 16 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है। कोसी नदी पर बने वीरपुर बैराज से सुबह पांच बजे तक कुल 6.61 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 56 साल में सबसे अधिक है।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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