Bihar Floor Test: बिहार के दो बाहुबली, जो नीतीश कुमार की नाव पर हो सकते हैं सवार; एक की पत्नी तो एक का बेटा है राजद से विधायक

Bihar Floor Test: बिहार के छोटे सरकार अनंत सिंह एक जमाने में नीतीश के काफी करीब थे। नीतीश को पटना और आसपास के इलाकों में बढ़त दिलाने के लिए जाने जाते थे। नीतीश जब सीएम बने तो अनंत सिंह को छोटे सरकार कहलाए।

anant singh anand mohan

बिहार के दो बाहुबली नेता अनंत सिंह और आनंद मोहन (फोटो- सोशल मीडिया)

Bihar Floor Test: बिहार के दो बाहुबली नेता 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट में लालू यादव से इतर खेला कर सकते हैं। दोनों फिलहाल राजद में हैं, लेकिन नीतीश से उनकी करीबी छिपी नहीं है। हम बात कर रहे हैं, बाढ़-मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार की और कोसी इलाके के बाहुबली आनंद मोहन की। आनंद मोहन का बेटा तो अनंत सिंह की पत्नी फिलहाल राजद से विधायक हैं।

कभी नीतीश के खास रह चुके हैं अनंत सिंह

बिहार के छोटे सरकार अनंत सिंह एक जमाने में नीतीश कुमार के काफी करीब थे। नीतीश को पटना और आसपास के इलाकों में बढ़त दिलाने के लिए जाने जाते थे। नीतीश जब सीएम बने तो अनंत सिंह, छोटे सरकार कहलाए। ललन सिंह, नीतीश से जब दूर हुए तो जदयू को पटना, लखीसराय, मुंगेर, शेखपुरा, जैसे जिलों में अनंत सिंह मजबूत करते रहे, लेकिन जब ललन सिंह पार्टी में वापस आए तो अनंत सिंह दूर होते गए। दरअसल अनंत सिंह की प्रतिद्वंदिता ललन सिंह है। जो कुछ दिनों पहले तक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।

अनंत सिंह कर सकते हैं खेल

नीतीश कुमार जिस दिन लालू से अलग हुए, अनंत सिंह के समर्थकों ने जमकर पटाखे चलाए। अनंत सिंह भले ही फिलहाल राजद के साथ हैं। उनकी पत्नी नीलम देवी राजद से विधायक हैं। अनंत सिंह खुद जेल में हों, लेकिन अब वो नीतीश के साथ जा सकते हैं। ललन सिंह एक बार फिर से जदयू में हाशिए पर जा चुके हैं। नीतीश उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा चुके हैं। पार्टी में कोई बड़ी पोस्ट ललन सिंह के पास नहीं है, मतलब अनंत सिंह का रास्ता साफ है। नीतीश कुमार भी अनंत सिंह की अहमियत समझते हैं, क्योंकि उन्हें फिर से उन सीटों पर बढ़त चाहिए, जो अनंत सिंह की वजह से उनके पास थी। मतलब जरूरत दोनों की है।

आनंद मोहन हैं लालू से खफा

कोशी के बाहुबली आनंद मोहन हाल ही में जेल में बाहर आए हैं, जो नीतीश सरकार के कारण ही संभव हो सका था। आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद से विधायक हैं। लवली आनंद लोकसभा चुनाव के लिए टिकट चाह रही है। राजद के साथ आनंद मोहन का सबकुछ ठीक था, लेकिन जब संसद में राजद सांसद मनोज झा ने 'ठाकुर का कुआं' वाली कविता पढ़ी और विवाद हुआ तो आनंद मोहन, मनोज झा के खिलाफ बोल पड़े। लालू यादव और तेजस्वी यादव इस बात से खासे नाराज हो गए। यहां तक कि लालू ने आनंद मोहन को बिना मिले अपने आवास से रिटर्न करवा दिया। तब आनंद मोहन ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। मतलब अगर जरूरत पड़ी तो आनंद मोहन, बिना बोले भी नीतीश के साथ जा सकते हैं।
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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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