गलत नहीं थी बिहार की लड़की,67% लड़कियां पैड की जगह करती हैं कपड़े का यूज,IAS ने उड़ाया था मजाक
देश में 15-24 साल की उम्र की 50 फीसदी लड़कियां या महिलाएं अभी भी माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। और जिस बिहार (Bihar) में हरजीत कौर नौकरी कर रही हैं, वहां पर 41 फीसदी महिलाएं स्वच्छ तरीकों का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। जो कि पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर है।
महिला IAS अधिकारी का बेतुका बयान
- जनऔषधि केंद्र से इस समय एक रुप में सेनेटरी पैड दिए जा रहे हैं।
- आशा वर्कर्स से 6 रुपये में एक पैकेट सेनेटरी पैड लिए जा सकते है।
- IAS अधिकारी को राष्ट्रीय महिला आयोग से नोटिस मिला।
सेनेटरी पैड मुफ्त करने की मांगने पर दिया ये बयान
असल में सीनियर आईएएस अधिकारी हरजोत कौर बम्हरा ने यूनिसेफ द्वारा आयोजित 'सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार' (Sashakt Beti, Samriddh Bihar) के क्लास 9 और क्लास 10 के स्टूडेंट्स के लिए एक कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा किए गए सवाल के जवाब से विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने छात्राओं से कहा था कि आज आप सेनेटरी पैड मुफ्त में मांग रही है (Sanitary pads)कल को परिवार नियोजन की बात आएगी तो निरोध भी (Condoms)भी मुफ्त देना पड़ेगा । इसके बाद यह वीडियो वायरल हो गया। लोगों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने एक कार्यक्रम में सैनिटरी नैपकिन का अनुरोध करने वाली एक स्कूली छात्रा का सार्वजनिक रूप से मजाक करने वाले और उस पर की गई टिप्पणी का संज्ञान लिया है। और हरजीत कौर से लिखित में जवाब मांगा है।
50 फीसदी लड़कियां कपड़े का करती हैं इस्तेमाल
शायद महिला अधिकारी ने इन आकड़ों पर गौर नहीं किया । क्योंकि अगर वह करती तो शायद इस तरह के बयान नहीं देती। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में 15-24 साल की उम्र की करीब 50 फीसदी लड़कियां या महिलाएं अभी भी माहवारी के दौरान कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। जबकि यदि किसी अस्वच्छ कपड़े का दोबारा इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे कई तरह के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। NFHS-5 के सर्वे के अनुसार बिहार में केवल 59.2 फीसदी महिलाएं माहवारी के दौरान हाइजीन का ध्यान रख पाती हैं। जो कि पूरे देश में सबसे कम है। ऐसे में अगर वह लड़की IAS महोदया से मुफ्त में सेनेटरी पैड की मांग कर रही थी तो शायद वह इतना भी गलत नहीं था कि इसका मजाक बनाया जाय।
एक रूपये में मिलता है सेनेटरी पैड
देश में मौजूद 8600 (2021-22 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार संख्या) से ज्यादा जनऔषधि (Jan Aushadhi Kendra) केंद्र से इस समय एक रुप में सेनेटरी पैड दिए जा रहे हैं। इसके तहत ऑक्सो-बायोडिग्रेडेबल सेनेटरी नैपकिन दी जा रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार द्वारा जुलाई 2022 में लोक सभा में दी गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत आशा वर्कर के जरिए 6 रुपये में सेनेटरी पैड का पैकेट दिया जा रहा है।
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