बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड: SC ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह सहित 6 को किया बरी, मुन्ना शुक्ला की सजा बरकरार

बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड दरअसल बिहार के अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ था। 90 के दशक में बिहार में माफिया का दौर था। इसी दौरान यहां कई हत्याएं हुई थीं।

Supreme court

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Brij Bihari Prasad Murder Case: 1998 में बिहार के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और एक अन्य को दोषी ठहराने और आजीवन कारावास की सजा देने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पांच अन्य को संदेह का लाभ देते हुएबरी कर दिया।
पीठ ने कहा कि तिवारी और विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 307 (हत्या का प्रयास) के तहत आरोप स्थापित किए गए हैं और उन्हें 15 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा गया है। 24 जुलाई 2014 को हाईकोर्ट ने अभियोजन साक्ष्यों के अवलोकन के बाद कहा था कि सूरजभान सिंह उर्फ सूरज सिंह, मुकेश सिंह, लल्लन सिंह, मंटू तिवारी, कैप्टन सुनील सिंह, राम निरंजन चौधरी, शशि कुमार राय, मुन्ना शुक्ला और राजन तिवारी संदेह का लाभ देने के पात्र हैं। इसने ट्रायल कोर्ट के 12 अगस्त, 2009 के आदेश को रद्द कर दिया था जिसमें उन्हें दोषी ठहराया गया था और सभी आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी पूर्व भाजपा सांसद रमा देवी और सीबीआई ने सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी करने के हाई कोर्ट के 2014 के आदेश को चुनौती दी थी।

90 के दशक का माफिया दौर

बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड दरअसल बिहार के अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ था। 90 के दशक में बिहार में माफिया का दौर था। इस दौरान बिहार के अलग-अलग इलाकों में बड़े-बड़े माफिया स्थापित हो चुके थे और जमकर अपराध को अंजाम दे रहे थे। तब बिहार में सम्राट, मुन्ना शुक्ला, बृज बिहारी प्रसाद, राजन तिवारी, सूरजभान सिंह जैसे बाहुबलियों की तूती बोलती थी।

देवेंद्र दुबे का एकछत्र राज

वहीं, चंपारण में देवेंद्र दुबे का एकछत्र राज हुआ करता था। उस पर 30 से अधिक हत्याओं का आरोप था। देवेंद्र दुबे को अंडरवर्ल्ड में डीडी के नाम से बुलाया जाता था और उसकी दोस्ती यूपी के आतंक के पर्याय बन चुके श्रीप्रकाश शुक्ला से थी। रेलवे के ठेके को लेकर दोनों के बीच दोस्ती हुई थी। रेलवे और इलाके में देवेंद्र दुबे का लगातार वर्चस्व बढ़ता जा रहा था। 1995 के विधानसभा चुनाव में देवेंद्र दुबे ने जेल में रहकर जीत भी हासिल की।

देवेंद्र की हत्या के बदले में बृज बिहारी प्रसाद का मर्डर

देवेंद्र चुनाव जीतने के बाद जेल से बाहर आया लेकिन 25 फरवरी 1998 को अरेराज ब्लॉक में उसे घेरकर एके-47 से भून दिया गया। हत्या का पूरा आरोप बृज बिहारी प्रसाद पर लगा जो बिहार की राजद सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। देवेंद्र दुबे की हत्या के तीन महीने बाद ही आईजीआईएमएस में बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई। वह एडमिशन घोटाले में गिरफ्तार हो चुके थे और जेल में सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया था। यहीं पर उनकी हत्या कर दी गई।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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