नीतीश से अब भी नाराज हैं मांझी? पहले 2 मंत्रालय की थी डिमांड, अब ऐसे किया हमला

Jitan Ram Manjhi: जीतन राम मांझी ने कहा कि 1984 से 2013 तक वह जब भी मंत्री बने तो उन्हें अनुसूचति जाति कल्याण मंत्री ही बनाया गया। अब उनके बेटे संतोष कुमार सुमन को मंत्री बनाया गया है। हालांकि, उसे भी वही मंत्रालय दिया गया है।

Jitan Ram Manjhi vs Nitish Kumar

जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना

Jitan Ram Manjhi: बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद माना जा रहा था कि राज्य में सियासी हलचल का दौर थम चुका है। हालांकि, हिंदुस्तान आवास मोर्चा के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अभी भी नीतीश कुमार से नाराज लग रहे हैं। एनडीए की सरकार बनने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार की कैबिनेट में दो मंत्रालय की मांग की थी। हालांकि, उन्हें एक ही विभाग मिला और उनके बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया। अब मांझी ने विभागों का जिक्र करते हुए इशारों ही इशारों में नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।
गया के वजीरगंज कॉलेज में उन्होंने रविवार को बड़ा बयान दिया है। जीतन राम मांझी ने कहा कि 1984 से 2013 तक वह जब भी मंत्री बने तो उन्हें अनुसूचति जाति कल्याण मंत्री ही बनाया गया। अब उनके बेटे संतोष कुमार सुमन को मंत्री बनाया गया है। हालांकि, उसे भी वही मंत्रालय दिया गया है। इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधा। मांझी ने कहा, नीतीश कुमार ने हमको सीएम बनाया तो लगा होगा भुईयां है जो कहेंगे वह करेगा। इसके बाद कहने लगे कि जीतम राम मांझी अपने से काम करने लगा। उन्होंने कहा, हम सीएम थे तो पत्रकारों को पेंशन देने की योजना बनाई थी, लेकिन नीतीश कुमार ने उसे काट दिया।

भूमिहीनों को एक-एक एकड़ जमीन देने की मांग

इस दौरान जीतन राम मांझी ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा, बिहार में एनडीए गठबंधन के साथ मिलकर सभी सीटों पर जीत दिलाना है। उन्होंने, माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की भी मांग की। साथ ही कहा कि बिहार में भूमिहीनों के संख्या 14 लाख है, जबकि सरकारी भूमि 16 लाख एकड़ है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भूमिहीनों को एक-एक एकड़ जमीन दी जाए।

मांझी के बेटे ने दे दिया इस्तीफा!

बिहार में सियासी हलचल और नीतीश सरकार के बहुमत परीक्षण से पहले मांझी के बेटे और नई सरकार में मंत्री संतोष सुमन के इस्तीफे की भी खबरें सामने आईं। हालांकि, बाद में वे खुद सामने आए और उन्होंने इसका खंडन किया। सोशल मीडिया पर जारी एक बयान में कहा कि वह एनडीए के साथ हैं और उसके साथ ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें बिहार की परवाह है। किसी की बातों में आने की आवश्यकता नहीं है। लोभ, लालच, प्रलोभन की राजनीति को मैं चिमटे से भी नहीं छू सकता। आपका आशीर्वाद काफी है, कुर्सी तो आनी-जानी है।
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