बिहारः JD(U) चीफ पद से होगी ललन सिंह की छुट्टी? 'खफा' हैं CM नीतीश! फिर संभाल सकते हैं पार्टी की टॉप पोस्ट
Bihar Politics: देश की राजधानी दिल्ली में 29 दिसंबर, 2023 को जेडी(यू) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति और राष्ट्रीय परिषद की बैठक है, जिसमें सीएम कुमार बड़ा फैसला ले सकते हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। (फाइल)
Bihar Politics: जनता दल (यूनाइटेड) यानी कि जद(यू) राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा सकता है। माना जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पद को संभाल सकते हैं, जिनके पास मौजूदा समय में संगठन का कोई पद नहीं है।
पार्टी के सूत्रों ने इस सिलसिले में अंग्रेजी अखबार 'दि इंडियन एक्सप्रेस' को बताया कि यह फैसला इसलिए लिया जा सकता है क्योंकि कुमार दल के कुछ सीनियर नेताओं से "खफा चल रहे हैं, जिनमें लल्लन सिंह का नाम भी है। कुमार इन नेताओं से इसलिए खफा हैं क्योंकि वे उनकी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं के बारे में विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं के साथ ठीक से समन्वय नहीं कर सके।"
हालांकि, नीतीश ने कभी भी खुलकर प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी इच्छा जाहिर नहीं की है। न ही उन्होंने इस बारे में इंडिया के सामने अपने दिल की बात को रखा है, मगर जेडी(यू) के भीतर के नेताओं ने उनकी पीएम पद की महत्वाकांक्षा को सिरे से खारिज नहीं किया है। जेडी(यू) के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, उन्हें कम से कम उम्मीद है कि उन्हें राष्ट्रीय संयोजक (I.N.D.I.A में) का पद मिलेगा।
पार्टी के इसी नेता ने आगे बताया कि इंडिया गठजोड़ में जिस तरह से चीजें हमारे लिए चल रही हैं, उससे पार्टी परेशान है। जाति सर्वेक्षण के साथ नैरेटिव सेट करने के बावजूद हमारे नेता शायद ही समर्थन हासिल कर सकें। इस बीच, पार्टी के एक पदाधिकारी ने बताया कि नीतीश "ललन सिंह की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के संस्थापक और पूर्व सीएम लालू प्रसाद और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ बढ़ती नजदीकियों" से भी नाराज थे।
ललन सिंह बिहार के मुंगेर के सांसद हैं और नीतीश के लंबे समय से सहयोगी रहे हैं। (फाइल)
तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
यह भी बताया गया, "पार्टी राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद देकर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईबीसी) की आवाज को और बढ़ा सकती है। वह समाजवादी प्रतीक और पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं। पार्टी 2024 में कर्पूरी ठाकुर का शताब्दी वर्ष भी मना रही है। वैसे, इस बाबत अंतिम फैसला नीतीश को ही लेना है, जिन पर पार्टी में कलह से बचने के लिए पद अपने पास रखने का दबाव होगा।"
मुंगेर के सांसद हैं और नीतीश के लंबे समय से सहयोगी ललन सिंह ने जुलाई 2021 में जेडी(यू) चीफ के रूप में आरसीपी सिंह की जगह ली थी। सीएम कुमार ने भाजपा के साथ बढ़ती निकटता के कारण आरसीपी को हटा दिया था। अगर ललन को पार्टी पद से हटा दिया जाता है तो वह जॉर्ज फर्नांडीस, शरद यादव, आरसीपी सिंह और उपेंद्र कुशवाहा जैसे पार्टी के शीर्ष नेताओं में शामिल हो जाएंगे, जो नीतीश से अलग हो चुके हैं।
दरअसल, बुधवार (20 दिसंबर, 2023) को पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की चीफ ममता बनर्जी ने नीतीश कुमार के सियासी सपने पर पानी फेर दिया था। उन्होंने इंडिया ब्लॉक की मीटिंग के दौरान मौजूदा कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम इंडिया की ओर से पीएम चेहरे के रूप में प्रस्तावित किया था।
दीदी की इस बात का दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन किया था। इस रोचक घटनाक्रम के बाद कुछ नेताओं को कथित तौर पर आश्चर्य हुआ था कि क्या वह नीतीश की संभावनाओं को (अगर कोई है तो) कम करने की कोशिश कर रही थीं।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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