Bihar Politics: बिहार में अभी खेल बाकी है? फ्लोर टेस्ट से पहले मांझी से मिलने पहुंचे CPI(M) के दो विधायक

Bihar Politics: नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने बाद भी जीतन राम मांझी के हमले बंद नहीं हो रहे हैं। पहले तो नई सरकार के गठन के बाद मांझी ने उनकी पार्टी के दो विधायकों को कैबिनेट में शामिल होने का दबाव बनाया। बाद में उनके बेटे के इस्तीफे की भी खबरें सामने आईं।

जीतन राम मांझी

Bihar Politics: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का 12 जनवरी को फ्लोर टेस्ट होना है। हालांकि, नीतीश कुमार के बहुमत साबित करने से पहले बिहार में फिर से खेला होने की सुगबुगाहट होने लगी है। कहा जा रहा है कि राज्य की सियासत में हिंदुस्तानी आवास मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी कोई खेल कर सकते हैं। ऐसी खबरें तब सामने आई हैं, जब शनिवार सुबह भाकपा माले के दो विधायक मांझी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे।
दोनों दलों के नेताओं के बीच हुई मुलाकात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि, भाकपा माले के विधायकों ने साफ कहा कि मुलाकात में कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। बता दें, एनडीए की सहयोगी पार्टी हम के नेता मांझी से मिलने भाकपा माले के विधायक महबूब आलम और सत्यदेव राम पहुंचे थे।

नहीं हुई कोई राजनीतिक बात

मुलाकात के बाद मांझी आवास से बाहर निकले भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा कि इस मुलाकात के दौरान कोई राजनीतिक बात नहीं हुई। फ्लोर टेस्ट को लेकर उन्होंने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है। किसकी सरकार रहेगी, किसकी जाएगी, इससे हम लोग को कोई मतलब नहीं। हम लोगों की जन सरोकार वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि वे लोग मांझी जी का स्वास्थ्य जानने आए थे। वे पूरी तरह स्वस्थ हैं। वहीं, विधायक सत्यदेव ने कहा कि जीतन राम मांझी हमेशा गरीबों का सवाल उठाते रहे हैं। हम लोग उनसे आग्रह करने आए थे कि आगे भी वे गरीबों के मुद्दों को उठाते रहें। हमलेगों को खेल से कोई मतलब नहीं है।
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