बिहार में 'ऑपरेशन आदमखोर': बाघ ने लीली मां-बेटे की जान, अब तक 10 बने शिकार; देखते ही मारने का आदेश

​घटना के बाद लोग घर में रहने से भी डरने लगे। ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ पहले खेतों में काम करने वालों को निशाना बनाता था, लेकिन पहली बार वह घर पर हमला किया है। जानकारों ने बताया कि आदमखोर बाघ बहुत चालाक और फुतीर्ला होता है। यह हर दो से तीन घंटे में स्थान बदलता है।

man eater tiger in bihar

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में शनिवार (आठ अक्टूबर, 2022) सुबह ऑपरेशन आदमखोर चलाया गया। खूंखार ने अपने खौफ के बीच सुबह मां-बेटे की जान लील ली। मई, 2022 से खबर लिखे जाने तक वह 10 लोगों को अपना शिकार बना चुका है।

बाघ के आतंक के चलते लोगों में काफी गुस्सा है और उन्होंने ठाना कि वे खुद ही इस बाघ को मार डालेंगे। जनाक्रोश के बीच इस बाघ को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने देखते ही मारने का आदेश दे दिया गया। ग्राउंड जीरो पर टाइम्स नाउ नवभारत की टीम के मुताबिक, बाघ वहां सुबह गन्ने के खेत में घिर गया। वह वहां छिपा गया और उसे पकड़ने के लिए कॉम्बिंग की गई।

बाघ ने इससे पहले घर में सो रही बच्ची को निशाना बनाया था। वन विभाग के अधिकारी ने गुरुवार को बताया था कि गोवधार्ना क्षेत्र के सिंगाही गांव में बुधवार रात अचानक बाघ ने दस्तक दी थी। रामाकांत मांझी की पुत्री बगड़ी (12) अपने घर में सोई थी।

इसी बीच, शिकार की खोज में भटकता बाघ उसके करीब पहुंच गया। बाघ ने बगड़ी के ऊपर हमला कर दिया और उसे खींच कर ले जाने लगा। लड़की जब जोर-जोर से चिल्लाने लगी तो लोग दौड़कर वहां पहुंचे, जिसके बाद बाघ गन्ने के खेत में बच्ची के शव को छोड़कर भाग गया था।

घटना के बाद लोग घर में रहने से भी डरने लगे। ग्रामीणों के मुताबिक, बाघ पहले खेतों में काम करने वालों को निशाना बनाता था, लेकिन पहली बार वह घर पर हमला किया है। जानकारों ने बताया कि आदमखोर बाघ बहुत चालाक और फुतीर्ला होता है। यह हर दो से तीन घंटे में स्थान बदलता है।

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अभिषेक गुप्ता author

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