Bilkis Bano Case: दोषियों को पैरोल पर SC ने दागा सवाल, कहा- आज बिलकिस हैं, कल कोई भी हो सकता है...हम या आप भी

Bilkis Bano Case Latest Update in Hindi: ​गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आगजनी की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। बानो ने इस मामले में दोषी ठहराए गए 11 अपराधियों की बाकी सजा माफ करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी है।

Bilkis Bano Case

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Bilkis Bano Case Latest Update in Hindi: बिलकिस बानो केस में 11 दोषियों को पैरोल देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया है। कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता पर राज्य को विचार करना चाहिए था। जिस तरह से ‘सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती’। ठीक वैसे ही नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती है।
मंगलवार (18 अप्रैल, 2023) को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने छूट से जुड़ी फाइलें न दिखाने पर सरकारों (केंद्र और राज्य) से सवाल किया। अदालत ने इसके साथ ही माना कि अपराध "भयानक" था। केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से टॉप कोर्ट में कहा गया कि मामले में दोषियों को छूट पर मूल फाइलें मांगने के 27 मार्च के आदेश की समीक्षा के लिए याचिका दायर की जा सकती है।
जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस बी.वी.नागरत्ना की बेंच ने कहा, “एक गर्भवती महिला से सामूहिक दुष्कर्म किया गया और कई लोगों की हत्या कर दी गई। आप पीड़िता के मामले की तुलना धारा 302 (हत्या) के सामान्य मामले से नहीं कर सकते। जैसे सेब की तुलना संतरे से नहीं की जा सकती, इसी तरह नरसंहार की तुलना एक हत्या से नहीं की जा सकती। अपराध आम तौर पर समाज और समुदाय के खिलाफ किए जाते हैं। असमानों के साथ समान व्यवहार नहीं किया जा सकता है।”
बेंच के मुताबिक, “सवाल यह है कि क्या सरकार ने अपना दिमाग लगाया और किस सामग्री के आधार पर सजा में छूट देने का फैसला किया।” न्यायालय ने कहा, “आज बिलकिस हैं, कल कोई भी हो सकता है। यह मैं या आप या भी हो सकते हैं। अगर आप सजा में छूट प्रदान करने के अपने कारण नहीं बताते हैं, तो हम अपने निष्कर्ष निकालेंगे।” वैसे, कोर्ट ने इस केस में दोषियों को छूट देने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के अंतिम निस्तारण के लिए दो मई की तारीख निर्धारित की है। अदालत ने उन सभी दोषियों से अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जिन्हें नोटिस जारी नहीं किया गया है।

देखिए, TMC की Mahua Moitra ने इस केस पर क्या कहा?

क्या है पूरा मामला? समझिए पृष्ठभूमि

गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक डिब्बे में आगजनी की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गई थी। बानो ने इस मामले में दोषी ठहराए गए 11 अपराधियों की बाकी सजा माफ करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी है।
सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने सजा में छूट दी थी और उन्हें पिछले साल 15 अगस्त को रिहा कर दिया था।घटना के वक्त बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती भी थीं। गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक डिब्बे में आगजनी की घटना के बाद भड़के दंगों के दौरान उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी, जिनमें तीन साल की एक बच्ची भी शामिल थी।
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अभिषेक गुप्ता author

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