ओडिशा में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद 6 महीने की छुट्टी पर गईं वीके पांडियन की IAS पत्नी, हाल ही में चुनाव आयोग ने किया था ट्रांसफर

VK Pandian wife Sujata Karthikeyan: बीजद नेता वीके पांडियन की पत्नी सुजाता आर. कार्तिकेयन छह महीने की छुट्टी पर चली गई हैं। हाल ही में उन्हें मिशन शक्ति के सचिव पद से हटाकर वित्त विभाग में विशेष सचिव नियुक्त किया गया था। इसके तुरंत ही बाद उन्होंने छह महीने की (31 मई से 26 नवंबर तक) चाइल्डकेयर लीव ली है।

VK Pandian wife IAS Sujata Karthikeyan

बीजद नेता वीके पांडियन की पत्नी सुजाता आर. कार्तिकेयन

VK Pandian wife Sujata Karthikeyan: ओडिशा के विधानसभा चुनाव में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद आईएएस अधिकारी व बीजद नेता वीके पांडियन की पत्नी सुजाता आर. कार्तिकेयन छह महीने की छुट्टी पर चली गई हैं। चुनाव के दौरान पद के दुरुपयोग की शिकायत मिलने के बाद हाल ही में निर्वाचन आयोग ने सुजाता आर. कार्तिकेयन का ट्रांसफर कर दिया था। उन्हें मिशन शक्ति के सचिव पद से हटाकर वित्त विभाग में विशेष सचिव नियुक्त किया गया था। इसके तुरंत ही बाद उन्होंने छह महीने की (31 मई से 26 नवंबर तक) चाइल्डकेयर लीव ली है।
ओडिशा के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आईएएस अधिकारी सुजाता आर. कार्तिकेयन को अपनी बेटी की देखभाल के लिए 26 नवंबर तक छुट्टी दी गई है, जिसे कक्षा 10 की परीक्षा देनी है। बता दें, सुजाता आर. कार्तिकेयन 2000 बैच की अधिकारी हैं। उनके पति वीके पांडियन अक्टूबर 2023 में अखिल भारतीय सिविल सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद बीजद में शामिल हो गए थे। बीजद के अंदर नवीन पटनायक के बाद पांडियन को दूसरे नंबर का नेता माना जाता है।

बीजेपी नेता की शिकायत पर हुआ था तबादला

बता दें, ओडिशा में हुए लोकसभा व विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने पांडियन की IAS पत्नी पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। भाजपा नेताओं की ओर से शिकायत की गई थी कि सुजाता आर. कार्तिकेयन राज्य में सत्तारूढ़ बीजद का सक्रिय रूप से समर्थन कर रही हैं, ऐसे में उन्हें जनता से सीधे संवाद नहीं रखने वाले विभाग में स्थानांतरित किया जाए। इसके बाद निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उन्हें मिशन शक्ति के सचिव पद से हटाकर वित्त विभाग में विशेष सचिव नियुक्त किया गया था।

बीजद की हुई करारी हार

ओडिशा में हाल ही में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजद को चुनावी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने विधानसभा की 147 सीट में से 78 सीट जीतीं, जबकि नवीन पटनायक के नेतृत्व वाला बीजद विधानसभा में 51 सीट हासिल करने में सफल रहा, जबकि कांग्रेस ने 14 सीट, निर्दलीयों ने तीन और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सीट जीती। बीजद लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलने में विफल रहा। बीजद की हार के बाद दो सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों आर. बालाकृष्णन और सुरेश महापात्रा ने मुख्यमंत्री कार्यालय में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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