मिशन इलेक्शन के लिए ये हैं BJP के ऊर्जावान चेहरेः सेनापति बन पाएंगे 'सही सेतु'? देखिए, किसकी क्या है मजबूती
Elections 2023: दरअसल, हर सूबे के विस चुनाव से पहले बीजेपी केंद्रीय प्रभारी और सह-प्रभारियों को नियुक्त करती है। प्रभारी और सह-प्रभारी चुनावी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों संग संवाद साधते हैं। साथ ही चुनावी रणनीति को धार देने में अहम भूमिका निभाते हैं। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका होती है।
Elections 2023: तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Elections 2023: चुनाव हों या न हों...भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सुपर एक्टिव मुद्रा में रहती है। चिरपरिचित अंदाज में उसने इस बार भी विधानसभा चुनावों से पहले सूबों में अपने सेनापति तैनात कर दिए। चार सूबों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना) के लिए पार्टी ने शुक्रवार (सात जुलाई, 2023) को चुनाव प्रभारी नियुक्त किए। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को मध्य प्रदेश, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर को छत्तीसगढ़ और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना का चुनाव प्रभारी बनाया गया। आइए, जानते हैं कि किस दिग्गज की क्या खासियत और मजबूती है?:
चुनाव पूर्व BJP ने चार सूबों में बनाए चुनाव प्रभारी, जानें- किसे कहां सौंपी कमान
प्रह्लाद जोशी- संगठन में काम करने का खासा अनुभव
- 2022 में उत्तराखंड विस चुनाव के लिए पार्टी के चुनाव प्रभारी रहे
- स्थानीय क्षत्रपों की खींचतान से निपटने में सफल रहे थे
- गहरी राजनीतिक समझ है
- भाजपा इसमें जीती, सूबे में लगातार दूसरी बार सरकार बनी।
भूपेंद्र यादव
- मोदी कैबिनेट में फिलहाल श्रम और रोजगार मंत्री हैं
- वह पहले भी कई सूबों के चुनाव प्रभारी रहे
- चुनावी प्रदर्शन से इतर संगठन में अहम रणनीतिकार के रूप में उभरे
- संगठन में उनकी काफी मजबूत पकड़ मानी जाती है
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ भी उनके अच्छे ताल्लुकात हैं
- पर्दे के पीछे रहकर चुनावी चाणक्य वाले काम करने की क्षमता रखते हैं।
ओम प्रकाश माथुर
- छत्तीसगढ़ उनके लिए कोई नई चीज नहीं है, पिछले साल वहां के प्रभारी बने थे
- बीजेपी के टॉप अनुभवी नेताओं में गिने जाते हैं
- नरेंद्र मोदी जब गुजरात सीएम थे तब वह सूबे के प्रभारी थे
- यूपी के प्रदेश प्रभारी की कमान संभाली, महाराष्ट्र की जीत (2014) में भी अहम रोल।
प्रकाश जावड़ेकर
- संगठन संभालने का लंबा अनुभव
- सरकार चलाने की भी ठीक-ठाक जानकारी
- लोकसभा चुनाव में राजस्थान के प्रभारी बने, 25 में 25 सीटें पार्टी जीती
साउथ के कुछ सूबों में मौका मिला, वहां पार्टी ने आस से अच्छा परफॉर्मेंस दिया।
सह-प्रभारी के तौर पर किन्हें मिली जिम्मेदारी?यही नहीं, गुजरात के पूर्व उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और हरियाणा के कुलदीप बिश्नोई को राजस्थान का सह-प्रभारी बनाया गया, जबकि केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया को छत्तीसगढ़ का सह-प्रभारी नियुक्ति किया गया। पार्टी ने इनके अलावा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को मध्य प्रदेश का और भाजपा महासचिव सुनील बंसल को तेलंगाना का सह-प्रभारी नियुक्त किया।
...तो यह रही है नियुक्ति से जुड़ी रवायतदरअसल, हर सूबे के विस चुनाव से पहले बीजेपी केंद्रीय प्रभारी और सह-प्रभारियों को नियुक्त करती है। प्रभारी और सह-प्रभारी चुनावी राज्यों के पार्टी पदाधिकारियों संग संवाद साधते हैं। साथ ही चुनावी रणनीति को धार देने में अहम भूमिका निभाते हैं। चुनाव के दौरान उम्मीदवारों के चयन में भी उनकी अहम भूमिका होती है। चुनावी एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रभारी और सह-प्रभारी राज्य नेतृत्व के साथ केंद्रीय नेतृत्व के बीच एक पुल (सेतु) का काम भी करते हैं।
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