नेशनल हेराल्ड केस: गांधी परिवार को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के पापों की सजा भुगतनी होगी, बोले रविशंकर
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस से जुड़े एजेएल और यंग इंडियन की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जब्त कर ली है...
नेशनल हेराल्ड केस
National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस-भाजपा में सियासी तकरार शुरू हो गई है। ईडी की कार्रवाई को लेकर भाजपा ने कांग्रेस और गांधी परिवार को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। ईडी द्वारा नेशनल हेराल्ड से संबंधित संपत्ति जब्त किए जाने पर भाजपा ने कहा कि गांधी परिवार ने स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस की विरासत को ही नहीं बल्कि उसकी संपत्ति को भी हथिया लिया। भाजपा नेता रवि शंकर प्रसाद ने ईडी द्वारा नेशनल हेराल्ड से संबंधित संपत्ति जब्त किए जाने पर कहा कि गांधी परिवार को भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग सहित उसके पापों की सजा भुगतनी होगी।
751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस से जुड़े एजेएल और यंग इंडियन की 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जब्त कर ली है, जब्त की गई संपत्ति में एजीएल की दिल्ली, मुंबई और लखनऊ सहित कई जगहों की प्रॉपर्टी है इसकी कुल कीमत 661.69 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ईडी ने सोशल मीडिया एक्स पर बयान जारी कर बताया कि यंग इंडियन की प्रॉपर्टी की कीमत 90.21 करोड़ रुपये है।
नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा कुर्क की गई संपत्तियां
1. दिल्ली में नेशनल हेराल्ड हाउस
2. लखनऊ में नेहरू भवन
3. मुंबई में नेशनल हेराल्ड हाउस
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने 3 अगस्त 2022 को दिल्ली की हेराल्ड बिल्डिंग में स्थित यंग इंडिया कंपनी का ऑफिस सील कर दिया था और ED की टीम ने सुबह से देर शाम तक नेशनल हेराल्ड के दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी की थी, ध्यान रहे कि ये कार्रवाई सोनिया गांधी और राहुल से पूछताछ के बाद की गई थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
कोर्ट ने माना कि आरोपी व्यक्तियों ने एक विशेष प्रयोजन वाहन, मेसर्स यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति हासिल करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। मेसर्स एजेएल को समाचार पत्र प्रकाशित करने के उद्देश्य से भारत के विभिन्न शहरों में रियायती दरों पर जमीन दी गई थी। एजेएल ने 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया और संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया। एजेएल को रुपये का कर्ज चुकाना था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को 90.21 करोड़ रुपये, हालांकि एआईसीसी ने 90.21 करोड़ रुपये के उक्त ऋण को एजेएल से गैर-वसूली योग्य माना और इसे बिना किसी स्रोत के एक नई निगमित कंपनी मेसर्स यंग इंडियन को 50 लाख रुपये में बेच दिया। 50 लाख रुपये भी चुकाने लायक आय उनके कृत्य से, एजेएल के शेयरधारकों के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के दानदाताओं को एजेएल और कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों द्वारा धोखा दिया गया।
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