सांसद अनंत कुमार हेगड़े के संविधान संशोधन वाले बयान से BJP ने किया किनारा, मांगा जवाब; जानिए ऐसा क्या कहा

BJP की कर्नाटक इकाई ने रविवार को संविधान में संशोधन पर सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और इसे उनका व्यक्तिगत विचार बताया। अनंत हेगड़े ने अपने बयान में कहा था कि प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटाने के लिये भाजपा संविधान में संशोधन करेगी। उन्होंने लोगों से लोकसभा में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत देने का आह्वान किया।

बीजेपी ने अनंत हेगड़े के बयान से किया किनारा

Anant Hegde: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कर्नाटक इकाई ने रविवार को संविधान में संशोधन पर सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया और इसे उनका व्यक्तिगत विचार बताते हुए कहा कि वह उनसे एक स्पष्टीकरण मांगेगी। भाजपा ने कहा कि वह संविधान को बरकरार रखने की अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराती है और हेगड़े की टिप्पणी उसके रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती है। भाजपा की कर्नाटक इकाई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया कि संविधान पर सांसद अनंत कुमार हेगड़े की टिप्पणी उनके निजी विचार हैं और पार्टी के रुख को प्रतिबिंबित नहीं करती। भाजपा देश के संविधान को बनाए रखने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराती है और हेगड़े से उनकी टिप्पणी के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी।

जानिए क्या कहा सांसद अनंत हेगड़े ने

हेगड़े ने कहा कि भाजपा को संविधान में संशोधन करने के लिए और कांग्रेस द्वारा इसमें जोड़ी गईं अनावश्यक चीजों को हटाने के लिए संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। उन्होंने कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को इसके लिए 20 से अधिक राज्यों में सत्ता में आना होगा। कर्नाटक से छह बार के लोकसभा सदस्य हेगड़े ने कहा कि अगर संविधान में संशोधन करना है- कांग्रेस ने संविधान में अनावश्यक चीजों को जबरदस्ती भरकर, विशेष रूप से ऐसे कानून लाकर, जिनका उद्देश्य हिंदू समाज को दबाना था, संविधान को मूल रूप से विकृत कर दिया है - यदि यह सब बदलना है, तो यह इस (वर्तमान) बहुमत के साथ संभव नहीं है।

भाजपा सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने दावा किया कि हेगड़े का बयान उनका निजी नहीं बल्कि भाजपा के गुप्त एजेंडे का हिस्सा है। सिद्धरमैया ने कहा कि हेगड़े के बयान ने बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के संस्करण को मनुस्मृति से प्रभावित अपने संस्करण से बदलने के भाजपा के गुप्त उद्देश्यों को उजागर कर दिया है। भाजपा का (संविधान) संस्करण जाति व्यवस्था की कुरीतियों को मजबूत करेगा। सत्ता में आने पर भाजपा ओबीसी और दलितों के लिए सभी आरक्षण हटा देगी। उनका बयान ओबीसी और दलितों पर सीधा हमला है।

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