UP में मोदी का विजय रथ बढ़ाएगी ये 'तिकड़ी', योगी मॉडल के सहारे मिशन 2024 को दिया जाएगा अंजाम!

नगर निकाय चुनाव के बाद बने पॉजिटिव माहौल के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र भूपेन्द्र सिंह ने अपनी टीम में इस बार कई नये चेहरों पर दांव आज़माया है। सभी मोर्चों की बैठक और लगातार संपर्क अभियान की समीक्षा करना भी इसी रणनीति का हिस्सा है।

bjp up mission

यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों पर बीजेपी की नजर

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी मिशन मोड में जुट चुकी है। बीजेपी हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने के अभियान पर लगातार काम कर रही है। लोकसभा चुनाव के महासमर में बीजेपी को सबसे ज्यादा उम्मीदें उत्तर प्रदेश से हैं।

ये तिकड़ी दिलाएगी जीत

बीजेपी उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है। इसके लिए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल की तिकड़ी उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को प्रधानमंत्री मोदी की झोली में डालने के चुनावी चक्रव्यूह में फ़तेह हासिल करने के लिए जुट गई है।

दिखा चुके हैं ताकत

निकाय चुनाव में बिना किसी बड़े नेता को आमंत्रित किए इस जोड़ी ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की। संगठन महामंत्री धर्मपाल ने यूपी की नब्ज़ को बखूबी समझा है। निकाय चुनाव के नतीजे इस बात की गवाही भी देते हैं। धर्मपाल संगठन को लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर चार्ज करने में जुटे हुए हैं इसके लिए वो लगातार अलग अलग जिलों का प्रवास कर रहे हैं। रात्रि विश्राम होटल में न करके किसी कार्यकर्ता के यहां करना उनकी खासियत है। जिसके कारण कार्यकर्ताओं में संगठन के प्रति जोश ज़मीन पर देखने को भी मिल रहा है।

लिखा नया इतिहास

निकाय चुनाव में अभी तक की सबसे बड़ी जीत बीजेपी की हुई है। बीजेपी कभी भी नगर निगम की सभी सीट नहीं जीती लेकिन इस तिकड़ी ने योजना के साथ एक विशाल वॉर रूम प्रदेश मुख्यालय में बनाया। इस वॉर रूम में 100 से ज्यादा ट्रेंड कार्यकर्ताओं ने रात दिन काम किया, जिसकी पल-पल रिपोर्टिंग प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल को होती रही। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बेहतर तालमेल के परिणाम स्वरूप बीजेपी ने पिछले नगर निगमों के चुनाव में एक नया इतिहास लिखने का काम किया।

नए चेहरों पर दांव

प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह को सियासी खेल की रणनीति बनाने का माहिर नेता माना जाता है और किसान आंदोलन के कारण बने विपरीत माहौल में भी जाटलैंड में पिछले चुनाव में पार्टी की धमाकेदार मौजूदगी दर्ज करा कर भूपेन्द्र सिंह ने अपनी क़ाबिलियत का लोहा मनवा लिया था। नगर निकाय चुनाव के बाद बने पॉजिटिव माहौल के बाद लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनज़र भूपेन्द्र सिंह ने अपनी टीम में इस बार कई नये चेहरों पर दांव आज़माया है। सभी मोर्चों की बैठक और लगातार संपर्क अभियान की समीक्षा करना भी इसी रणनीति का हिस्सा है।

कई नेताओं से बातचीत

जल्दी ही कई ज़िलों के अध्यक्षों मंडल अध्यक्ष बदले जायेंगे, जिससे पार्टी संगठन को नई धार दी जा सके। इसके साथ ही विधान सभा चुनाव से पहले जो नेता पार्टी छोड़ कर गए उनको एक बार फिर पार्टी में लाने की कवायद चल रही है। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि दारा सिंह जैसे पिछड़ी जाति के क़द्दावर नेता को जल्दी ही फिर से बीजेपी में शामिल करा कर सियासी मैसेज इस तिकड़ी के द्वारा दिया जायेगा कि प्रधानमंत्री मोदी की फिर से केन्द्र में ताजपोशी के लिए यूपी की चौसर बिल्कुल तैयार है और विपक्षी एकता की हवा यहां बेअसर साबित होगी। ओमप्रकाश राजभर से भी बीजेपी नेताओं की बातचीत चलने की खबरें हैं।

योगी मॉडल का सहारा

इस तिकड़ी के अहम किरदार योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ट्रिपल इंजन की सरकार के नाते बीजेपी को लगता है कि परिस्थितियों का सही आकलन करके अचूक रणनीति बनाई जाये तो लोकसभा की सभी 80 सीटों को जीतने का ना टूटने वाला रिकॉर्ड बनाया जा सकता है। और उसमें ब्रह्मास्त्र साबित होगा योगी मॉडल, जिसकी धमक केवल यूपी ही नहीं बल्कि पूरे देश में दिखाई देती है। योगी मॉडल की कानून व्यवस्था और माफियाओं पर बुलडोजर एक्शन ने आम लोगों के मन में कानून का शासन कायम हुआ है। बीजेपी योगी आदित्यनाथ की इसी छवि और मोदी सरकार की जनहित में चलाई जा रही योजनाओं को भुना कर ये तिकड़ी अपनी रणनीति को मुकाम तक पहुंचाने के काम में लग गई है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

रविकांत राय author

सत्ता के गलियारों से आम जनमानस से जुड़ी हर ख़बर पर पैनी नज़र, । राजनीति के हर दांव पेंच से वाकिफ, 13 सालों में दो लोकसभा चुनाव और कई राज्यों के विधान ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited