विधानसभा चुनाव 2024: उम्मदवारों को लेकर BJP का मंथन, आज जारी हो सकती है पहली सूची, जम्मू-कश्मीर पर खास नजर

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 और 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरण में मतदान होना है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित होंगे।

BJP CEC meeting

उम्मीदवारों पर मंथन

मुख्य बातें
  • भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए बैठक की
  • उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए रविवार शाम दिल्ली में अहम बैठक की।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह रहे मौजूद

BJP CEC Meeting: भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए रविवार शाम दिल्ली में बैठक की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जे. पी. नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और सीईसी के अन्य सदस्य जम्मू-कश्मीर के पार्टी नेताओं के साथ बैठक में शामिल हुए। नेताओं ने केंद्र शासित प्रदेश में 50 से अधिक सीट के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर विचार-विमर्श किया। पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने संभावित उम्मीदवारों की सूची और चुनाव के लिए रणनीति बनाने को लेकर नड्डा और शाह सहित अन्य नेताओं के साथ लंबी बैठक की थी।

जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में मतदान

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 18 और 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरण में मतदान होना है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। मतगणना चार अक्टूबर होगी। वर्ष 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य रहते हुए भाजपा ने 25 सीट जीती थीं। भाजपा खासकर अपने गढ़ जम्मू क्षेत्र में कांग्रेस की चुनौती का सामना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है। भाजपा को हरियाणा में भी कांग्रेस से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है, जहां भाजपा 2014 से सत्ता में है।

भाजपा लड़ सकती है 60-70 सीटों पर चुनाव

90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए आगामी तीन चरण के चुनावों में भाजपा लगभग 60 से 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने गठबंधन सरकार बनाई थी, जिसमें मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री बने थे। जनवरी 2016 में सईद की मृत्यु के बाद, राज्यपाल शासन की एक संक्षिप्त अवधि के बाद महबूबा मुफ्ती अपने पिता की उत्तराधिकारी बनीं। जून 2018 में भाजपा पीडीपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से बाहर हो गई, जिसके कारण उसी वर्ष नवंबर में तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी। तब से, जम्मू-कश्मीर में विधानसभा नहीं है।

इस बीच, भाजपा की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है, जिसमें सभी 90 सीटें शामिल हैं। हालांकि दोनों में से कोई भी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इसकी अंतिम संख्या अभी घोषित नहीं की गई है।

2019 से जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश

यह जम्मू-कश्मीर में पहला विधानसभा चुनाव होगा क्योंकि 2019 में तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था और दो केंद्र शासित प्रदेशों - जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया था। 2019 से जम्मू और कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में शासित किया गया है, जिसकी प्रमुख शक्तियां उपराज्यपाल, वर्तमान में मनोज कुमार सिन्हा के पास हैं।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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