कच्चातिवु के बाद एक और द्वीप पर घिरी कांग्रेस, BJP उम्मीदवार का दावा-पंडित नेहरू ने म्यांमार को गिफ्ट किया कोको द्वीप
Coco Islands Row: अंडमान एवं निकोबार द्वीप के भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार विष्णु पद रे का दावा है कि यह द्वीप उत्तरी अंडमान का हिस्सा था लेकिन पंडित नेहरू ने इसे उपहार स्वरूप म्यांमार को दे दिया। रे का कहना है कि इस द्वीप पर अब चीन का नियंत्रण है।
अब कोको द्वीप पर घिरी कांग्रेस।
Coco Islands Row: कच्चातिवु द्वीप विवाद से कांग्रेस अभी पूरी तरह निकल नहीं पाई है कि उसके सामने एक और द्वीप सवाल बनकर खड़ा हो गया है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर अब कोको द्वीप उपहार स्वरूप म्यांमार को देने का आरोप लगा है। यह दावा अंडमान एवं निकोबार द्वीप के भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवार विष्णु पद रे ने किया है। भाजपा उम्मीदवार का दावा है कि यह द्वीप उत्तरी अंडमान का हिस्सा था लेकिन पंडित नेहरू ने इसे उपहार स्वरूप म्यांमार को दे दिया।
'नेहरू ने कोको द्वीप को म्यांमार को दे दिया'
समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में रे ने कहा, 'कांग्रेस ने हमेशा भारत विरोध भावनाओं को पल्लवित-पोषित किया है। नेहरू ने कोको द्वीप को म्यांमार को दे दिया। यह द्वीप उत्तर अंडमान द्वीप समूह का हिस्सा था। अब इस द्वीप पर चीन का सीधा नियंत्रण है। बीते 70 वर्षों में कांग्रेस इस द्वीप के बारे में जरा भी चिंतित नहीं हुई। लेकिन मौजूदा सरकार चीन को काउंटर करने के लिए कैंपबेल बे जिसे इंदिरा प्वाइंट के नाम से भी जाना जाता है, वहां एक शिपयार्ड और दो एयरपोर्ट बना रही है।'
कांग्रेस का कोई नेता इन द्वीपों पर नहीं आया-रे
भाजपा नेता का कहना है कि बाहरी सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए मोदी सरकार जिस तरह से बजट का आवंटन कर रही है, उतनी रकम आवंटित करने के बारे में देश की सबसे पुरानी पार्टी सोच भी नहीं सकती। उन्होंने कहा, 'बीते वर्षों में कांग्रेस का कोई नेता इन द्वीपों पर नहीं आया। लेकिन मोदी -जी बराबर यहां आते रहे। मुझे उम्मीद है कि आप जल्द ही कांग्रेस मुक्त अंडमान का दर्शन करेंगे। कांग्रेस के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी। यहां के मौजूदा सांसद कुलदीप राय शर्मा ने इस इस द्वीप के विकास के लिए एक पैसा नहीं खर्च किया है।'
अंडमान द्वीप समूह से करीब 55 किलोमीटर दूर है
कोको आइलैंड में नारियल के पेड़ों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसलिए इसका नाम कोको आइलैंड पड़ गया। इस द्वीप के दो हिस्से-ग्रेट कोको और स्मॉल कोको हैं। इस द्वीप के मालिकाना हक को लेकर कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। आजादी से पहले कोको आइलैंड पर अंग्रेजों का शासन था। अंडमान में बनी जेल के कैदियों एवं स्टाफ के लिए यहां से खाना आया करता था। अनाज एवं सब्जियां उगाने के लिए भी इस द्वीप का उपयोग होता था। बाद में अंग्रेजों ने इस द्वीप को बर्मा के एक प्रभावशाली परिवार को दे दिया। कोको द्वीप अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से करीब 55 किलोमीटर दूर है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Maharashtra: धनंजय मुंडे को झटका, महाराष्ट्र में प्रभारी मंत्रियों की सूची में नहीं मिली जगह
Mann Ki Baat: साल 2025 की पहली 'मन की बात' 19 जनवरी को करेंगे पीएम मोदी
Punjab State Lohri Makar Sankranti Bumper Lottery 2025 Winners: किसने जीता पंजाब लॉटरी का पहला बंपर इनाम, देखिए वो टिकट नंबर, जिसपर लगा जैकपॉट
Nagaland State Lottery Result Today 8 PM 2025 LIVE: आ गया नागालैंड स्टेट लॉटरी का रिजल्ट, जानिए किसे लगा जैकपॉट, कौन बड़ा करोड़पति
महाकुंभ की व्यवस्था देख CM योगी का मुरीद हुआ विदेशी नागरिक; रैन बसेरा को लेकर कही ये बात
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited