'जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए जरूरी है सख्त कानून, जो न माने उसका खत्म हो वोट देने का अधिकार', केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की दो टूक

Population Control Bill : जनसंख्या नियंत्रण पर कड़ा कानून लाने की अपनी मांग गिरिराज सिंह पहले भी कई बार कर चुके हैं। जाहिर उनके इस बयान के बाद इस पर बहस शुरू हो सकती है। वह विपक्ष के निशाने पर भी आ सकते हैं। वह चाहते हैं कि इस पर संसद से लेकर सड़क तक बहस हो और सभी की सहमति से कानून बने।

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केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह।

मुख्य बातें
  • जनसंख्या पर नियंत्रण लाने के लिए गिरिराज सिंह चाहते हैं एक सख्त कानून
  • केंद्रीय मंत्री का कहना है कि आबादी के हिसाब से देश में संसाधन नहीं हैं
  • सिंह का कहना है कि जो इस कानून को न माने उसका वोट देने का अधिकार खत्म हो

Population Control Bill : देश की जनसंख्या पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। सिंह ने कहा है कि जनसंख्या पर नियंत्रण लगाने के लिए एक सख्त कानून लाने की जरूरत है। यह कानून सभी के सहमति से बनना चाहिए और इस कानून को जो न माने उसे वोट देने के अधिकार से वंचित किया जाना चाहिए। उसे सरकारी सुविधाएं भी नहीं मिलनी चाहिए। भाजपा नेता ने चीन की 'वन चाइल्ड पॉलिसी' का जिक्र करते हुए कहा कि चीन ने अगर यह नीति नहीं लागू की होती तो वह आज दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नहीं बन पाया होता।

'ऑर्गनाइजर' में केंद्रीय मंत्री का छपा है लेख

जनसंख्या वृद्धि पर गिरिराज सिंह ने आरएसएस के मुखपत्र 'ऑर्गनाइजर' में लेख लिखा है। इस लेख में आबादी पर नियंत्रण के लिए उन्होंने कठोर कानून लाए जाने की वकालत की है। टाइम्स नाउ नवभारत के साथ खास बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे आबादी वाला देश बन गया है लेकिन हमें चीन से कुछ सीखना चाहिए। चीन 1979 में यदि वन चाइल्ड पॉलिसी नहीं लाया होता तो लोगों का मानना है कि उसके पास 60 करोड़ आबादी अतिरिक्त रूप से होती। ये आबादी उसके पास होती तो वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में नहीं उभरता।

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युवा और आबादी लाभांश भी, चुनौती भी-सिंह

उन्होंने कहा, 'हमारे लिए युवा, आबादी एक लाभांश है लेकिन ये दोनों एक चुनौती और खतरा भी हैं। हमारे पास आबादी है लेकिन संसाधन नहीं है, आबादी के हिसाब से पानी और जमान नहीं है। साल 2011 की जनगणना के मुताबिक हमारे पास 0.12 हेक्टेयर जमीन ..और 2.5 प्रतिशत पानी है। इसलिए जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए सबकी सहमति से एक कड़ा कानून आना चाहिए। यह कानून हिंदू, मुसलमान, सिख, जैन, बौद्ध सभी समुदायों पर एक समान रूप से लागू होना चाहिए। इस तरह का कानून यदि कोई नहीं मानता है तो समय आ गया है कि वोट देने का उसका अधिकार समाप्त कर दिया जाए।'

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संसद से सड़क तक बहस की मांग

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 'हमारे लिए युवा और आबादी लाभांश के रूप में हैं लेकिन ये चुनौती भी हैं। पूरी दुनिया की आबादी की 20 प्रतिशत जनसंख्या अकेले भारत में है। अपने पास आबादी तो है लेकिन उसके हिसाब से पानी, जमीन और अन्य जरूरी संसाधन नहीं हैं। इसका टुकड़े-टुकड़े गैंग विरोध भी कर सकता है लेकिन जनसंख्या पर रोक के लिए सड़क से संसद तक बहस होनी चाहिए और सभी की सहमति से एक कड़ा कानून आना चाहिए। जो इस कानून को न माने उसे सरकारी सुविधा से वंचित किया जाना चाहिए। देश में 147 जिले ऐसे हैं जहां प्रजनन दर आसमान छू रहा है। हिंदू बेटियों का प्रजनन दर जहां 2 प्रतिशत है वहीं, मुसलमान बहनों में यह 3 प्रतिशत से ऊपर है। इससे आने वाले समय में सामाजिक समरसता बिगड़ेगी और देश के संसाधन भी सीमित होंगे।'

कुछ लोग देश का हित नहीं चाहते-केंद्रीय मंत्री

सिंह ने कहा, 'इस कानून का जो लोग विरोध करते हैं, वे देश का हित नहीं चाहते। यहां आतंकवादियों के लिए भी कोर्ट खुलता है। यहां सब कुछ वोट के लिए होता है। ये टुकड़े-टुकड़े गैंग देश के लिए नहीं सोचते। आज देश के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून जरूरी हो गया है।' बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण पर कड़ा कानून बनाने की अपनी मांग सिंह पहले भी कई बार उठा चुके हैं। जाहिर उनके इस बयान के बाद इस पर बहस शुरू हो सकती है। वह विपक्ष के निशाने पर भी आ सकते हैं।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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