'सबका साथ, सबका विकास' नारे पर सुवेंधु अधिकारी को आपत्ति, बोले-अब मैं कहूंगा जो हमारे साथ, हम उनके साथ'
Suvendu Adhikari : कोलकाता में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि 'मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी, आप ने भी 'सबका साथ, सबका विकास' कहा था लेकिन अब मैं आगे यह नहीं कहूंगा।
सबका साथ, सबका विकास नारे पर सुवेंदु अधिकारी ने उठाए सवाल।
- अधिकारी ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' का एजेंडा एनडीए का है
- विवाद बढ़ा तो अपने बयान पर दी सफाई, कहा-सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए
- बंगाल में लोकसभा चुनाव में भाजपा इस बार केवल 12 सीटें ही जीत पाई है
Suvendu Adhikari : मोदी सरकार के नारे 'सबका साथ, सबका विकास' नारे पर पश्चिम बंगाल में एलओपी एवं भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने सवाल उठा दिए हैं। कोलकाता में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि 'मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की थी, आप ने भी 'सबका साथ, सबका विकास' कहा था लेकिन अब मैं आगे यह नहीं कहूंगा। इसकी जगह मैं कहूंगा जो हमारे साथ, हम उनके साथ। सबका साथ, सबका विकास कहना बंद करें। अल्पसंख्यक मोर्चे की जरूरत नहीं है।'
'सबका साथ, सबका विकास' पीएम मोदी का नारा
अपने इस बयान पर विवाद बढ़ने पर सुवेंदु ने कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए का एजेंडा है। जबकि उनके बयान का मतलब बंगाल भाजपा के लिए है। बंगाल में भाजपा को उनके साथ खड़ा होना चाहिए जो राजनीतिक रूप से उसका समर्थन करते हैं। बंगाल में हमारे साथ जो नहीं खड़े होते हैं, हमें भी उनसे एक सुरक्षित दूरी बनाकर चलनी चाहिए। इसका प्रशासन अथवा विकास से कोई संबंध नहीं है। अधिकारी ने आगे कहा, 'स्वामी विवेकानंद ने खुद ही कहा है कि एक व्यक्ति को अपने धर्म में विश्वास रखते हुए अन्य धर्मों के प्रति सम्मान रखना चाहिए। किसी दूसरे के धर्म के प्रति असम्मान प्रकट करने की जरूरत नहीं है।'
अधिकारी ने शिकायत के लिए पोर्टल शुरू किया
बीते लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा। चुनाव में भाजपा ने 42 सीटों में से 30 सीट जीतने का लक्ष्य रखा था लेकिन वह 12 सीट ही जीत पाई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा 18 सीटें जीती थी। भाजपा ने बंगाल की हारी हुई सीटों की समीक्षा की है कि और उसने पाया है कि बंगाल में उसकी हार की सबसे बड़ी वजह अल्पसंख्यक वोटों का टीएमसी के पक्ष में ध्रुवीकरण है। मंगलवार को नंदीग्राम के विधायक ने एक पोर्टल शुरू किया। इस पोर्टल पर उन लोगों से शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया है जो लोकसभा चुनाव और उपचुनाव में वोट नहीं डाल सके।
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