BJP का मिशन साउथ: PM मोदी के निर्देश के बाद भाजपा ने झोंकी ताकत, कर्नाटक-केरल और तेलंगाना पर नजर

दक्षिण भारत में बीजेपी लगातार पूरी ताकत झोंक रही है, लेकिन उसे उस तरह की सफलता अभी तक नहीं मिली है, जैसे उत्तर भारत या फिर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में मिली है। यही कारण है कि पीएम मोदी के निर्देश पर बीजेपी अभी से 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गई है।

bjp mission south

दक्षिण भारत की सीटों पर पीएम मोदी की नजर (फोटो- BJP)

2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी जोर शोर से जुट चुकी है, तीन महसचिवों की अगुवाई में एक टीम का गठन भी किया जा चुका है। ये सच है कि बीजेपी दक्षिण भारत में अब तक अपनी वो पहचान और पैठ बनाने में कामयाब नहीं रही है। जो उत्तर भारत में है। कर्नाटक को छोड़ दिया जाए तो बीजेपी की किसी राज्य में कोई सरकार नहीं है।

साउथ में बीजेपी का हाल

साउथ के पांच राज्यों को मिलाकर लोकसभा की 130 सीटें हैं, लेकिन बीजेपी 100 सीटों पर कहीं नहीं है। इसलिए पीएम मोदी के निर्देश पर बीजेपी ने प्लान साउथ को एक्टिवेट कर दिया है, जिससे साउथ के किले में सेंध लगाई जा सके।

मिशन कर्नाटक

साउथ में बीजेपी सबसे पहले कर्नाटक में कमल खिलाने में कामयाब रही। बीजेपी इस राज्य में वापसी के लिए पूरा ताकत लगाती दिख रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, सहित हर बड़े नेता राज्य का लगातार दौरे हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और महासचिव अरुण सिंह को पार्टी पहले ही यहां लगा चुकी है।

बी एस येदयुरप्पा पर जिम्मेदारी

बीजेपी इस चुनाव में काफी हद तक बी एस येदयुरप्पा पर निर्भर है। बी एस येदयुरप्पा को ही साधने की कोशिश में बीजेपी जुटी दिख रही है। कर्नाटक में बीजेपी को सबसे पहले सफलता का स्वाद, येदयुरप्पा ने ही चखाया था। इसलिए पीएम मोदी के निर्देश पर लिंगायत समुदाय को साधने के लिए बीजेपी ने उनको आगे किया है।

कटेंगे टिकट

पीएम मोदी का साफ निर्देश है कि राज्य में नेताओं के बीच आंतरिक कलह न हो। बड़े नेताओं को आंतरिक कलह से बचने का निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 30 फीसदी विधायकों के टिकट काटे जाएंगे। जनता तक पहुंचने के लिए बीजेपी चार रथ यात्रा पूरे प्रदेश में निकाल रही है।

मिशन केरल

केरल के लिए भी सीधे पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी का प्लान तैयार हुआ है। यहां बीजेपी की नजर अल्पसंख्यक वोटों पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहने पर बीजेपी ने केरल में मुस्लिम और ईसाई अल्पसंख्यकों तक पहुंच बढ़ाने के लिए कार्यक्रम बनाया है। हैदराबाद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पीएम मोदी ने स्नेह संवाद आयोजित करने को कहा था। दो मार्च को तीन पूर्वोत्तर राज्यों में जीत के बाद बीजेपी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भी पीएम मोदी ने कहा था कि केरल में बीजेपी गठबंधन सरकार बनाएगी। उन्होंने इन राज्यों में ईसाई मतदाताओं से मिले समर्थन का जिक्र भी किया था। उन्होंने कहा था कि केरल में लेफ्ट और कांग्रेस में कुश्ती होती है और त्रिपुरा में दोस्ती करते हैं। केरल में 18% ईसाई, 28% मुसलमान और 54% हिंदू हैं।

बीजेपी की रणनीति

पिछले साल क्रिसमस के सप्ताह में बीजेपी के हज़ारों कार्यकर्ता ईसाइयों के घर उपहार के साथ गए थे। इस साल नौ अप्रैल को ईस्टर संडे पर दस हज़ार बीजेपी कार्यकर्ता एक लाख ईसाइयों के घर जाएंगे। पंद्रह अप्रैल को विशु के पावन पर्व पर हिंदू कार्यकर्ताओं के घरों पर ईसाइयों को बुलाया जाएगा।अप्रैल के तीसरे सप्ताह में ईद पर मुसलमानों के घरों पर बीजेपी कार्यकर्ता जाएंगे।बीजेपी नेताओं के अनुसार उसकी इस पहल को लेफ्ट-कांग्रस ने नोटिस किया है और करीब से इस पर नजर रखी जा रही है। आम लोगों ने इस पहल का स्वागत किया है। बीजेपी इस कार्यक्रम को और भी आगे लेकर जाएगी। थैंक्यू मोदी कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों से चर्चा भी की जा रही है। दस- बारह हजार लोगों के थैंक्यू मोदी के वीडियो मलयालम में आ चुके हैं।

मिशन तेलंगाना

तेलंगाना, साउथ का एक ऐसा राज्य जहां बीजेपी को सबसे ज्यादा उमीदे हैं। वजह है राज्य के मुख्यमंत्री की बेटी का शराब घोटाले में नाम आना। के सी आर के घोटालों को एक्सपोज करने के लिए बीजेपी तेलंगाना में प्रजा घोषा यात्रा निकाल रही है। साथ ही बीजेपी ने अपने सबसे ताकतवर महामंत्रियों- सुनील बंसल और तरुण चुग को तेलंगाना में उतार रखा है।

तेलंगाना के बीजेपी के नेताओं को कहा गया है कि जो नेता टीडीपी और टी आर एस से नाराज हैं। उनको अपनी पार्टी में जोड़े। साथ ही बड़े नेताओं की रैली की झड़ी भी लगा देने की तैयारी बीजेपी कर रही है। खासतौर पर पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा और राजनाथ सिंह के कार्यक्रम पर जोर है।

-रविकांत राय के साथ अमित कुमार की रिपोर्ट

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