कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पार्षदों का हुआ शुद्धिकरण, BJP विधायक ने छिड़का गंगाजल व गोमूत्र

Jaipur Nagar Nigam: भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, हमने निगम कार्यालय को गंगाजल से शुद्ध किया है, सभी अशुद्धियों को दूर किया है। अब, नई महापौर के कार्यभार संभालने के बाद हम पवित्रता के माहौल में काम करेंगे।

भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य

Jaipur Nagar Nigam: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक बालमुकुंद आचार्य ने पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का 'शुद्धिकरण' कर नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने हाल ही में हेरिटेज नगर निगम के महापौर कार्यालय का और कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आए पार्षदों का गंगाजल और 'गोमूत्र' छिड़ककर 'शुद्धिकरण' किया। यह वाकया बुधवार को हुआ जब जयपुर हेरिटेज नगर निगम की कार्यवाहक महापौर कुसुम यादव ने कार्यभार संभाला। तब महापौर कार्यालय में मौजूद महंत बालमुकुंद आचार्य ने 'शुद्धिकरण' किया।
इस दौरान मौजूद कांग्रेस पार्षदों ने कहा कि 'शुद्धिकरण' का उद्देश्य किसी को भ्रष्ट बताना नहीं था और हिंदू संस्कृति में यह एक सामान्य परंपरा है। वहीं कांग्रेस के एक नेता के अनुसार, विडंबना है कि भाजपा में शामिल होने वाले सभी लोग अपने 'पापों-अपराधों' से मुक्त हो जाते हैं।

क्या है पूरा मामला?

भाजपा विधायक की ओर से यह कदम निगम की पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पद से हटाए जाने के बाद उठाया गया है। उनकी जगह भाजपा ने कुसुम यादव को कार्यवाहक महापौर नियुक्त किया है। यादव को कांग्रेस के सात पार्षदों और भाजपा में शामिल हुए एक निर्दलीय पार्षद का भी समर्थन प्राप्त है। भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस पार्षदों का स्वागत करने के लिए गंगाजल और गोमूत्र के मिश्रण का इस्तेमाल किया।

भाजपा विधायक ने दी ये दलील

शुद्धिकरण को लेकर भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा, हमने निगम कार्यालय को गंगाजल से शुद्ध किया है, सभी अशुद्धियों को दूर किया है। अब, नई महापौर के कार्यभार संभालने के बाद हम पवित्रता के माहौल में काम करेंगे। अनुष्ठान के दौरान, आचार्य ने भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेस पार्षदों पर प्रतीकात्मक रूप से गंगाजल और गोमूत्र का मिश्रण छिड़का और दावा किया कि इस शुद्धिकरण अनुष्ठान ने उन्हें सनातनी में बदल दिया है। उनकी सारी अशुद्धता या भ्रष्टाचार साफ हो गया। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी भी शुद्धिकरण प्रक्रिया से गुजरे। आचार्य ने कहा, वे अशुद्धता के प्रभाव में थे, भ्रष्टाचार में लिप्त होने के लिए मजबूर थे, लेकिन अब वे शुद्ध हो गए हैं और ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम करेंगे।
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