'मुझे खेद रहेगा...' कृषि कानून बिल पर कंगना रनौत का यू-टर्न, मांगी माफी

Kangana Ranaut on Kisan Bill: कृषि कानून बिल पर टिप्पणी के बाद भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत को अपनी ही पार्टी की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। अब उन्होंने वीडियो जारी कर माफी मांगी है और कहा है उनके विचार निजी थे और वह पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।

Kangana Ranaut

कंगाना रनौत ने मांगी माफी।

Kangana Ranaut on Kisan Bill: कृषि कानून बिल पर भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने यू-टर्न ले लिया है। कृषि कानून बिल वापस लाने वाली मांग पर कंगना ने माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से किसी को ठेस पहुंची है तो इसका मुझे खेद रहेगा। उन्होंने बुधवार को स्पष्ट किया कि उनके विचार निजी थे और वह पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं।

कंगना रनौत का यह बयान तब आया है, जब उन्हें अपनी पार्टी से भी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि एनडीए गठबंधन के कई दल भी कंगना के विरोध में उतर आए थे। कंगना रनौत ने बुधवार को भाजपा नेता गौरव भाटिया के उस सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कंगना की ओर से कृषि कानूनों पर दिया गया बयान उनका व्यक्तिगत विचार है। वह भाजपा की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। गौरव भाटिया के एक्स पोस्ट को कोट करते हुए कंगना रनौत ने लिखा, "बिल्कुल, कृषि कानूनों पर मेरे विचार व्यक्तिगत हैं। वह उन बिलों पर पार्टी के रुख का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं। धन्यवाद।"

कांग्रेस ने लगाए थे आरोप

कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर रनौत का एक बिना तारीख वाला वीडियो साझा किया, जिसमें कंगना कथित तौर पर हिंदी में कह रही हैं, जो कृषि कानून निरस्त किए गए हैं उन्हें वापस लाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि यह विवादास्पद हो सकता है। किसानों के हित में कानून वापस लाए जाएं। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए, ताकि उनकी समृद्धि में कोई रुकावट नहीं रहे। कांग्रेस ने कृषि कानूनों पर कंगना की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा था कि सत्तारूढ़ पार्टी 2021 में निरस्त किए गए तीन कानूनों को वापस लाने की कोशिश कर रही है, हरियाणा इसका करारा जवाब देगा।

पहले भी पार्टी से मिली थी कंगना को चेतावनी

बता दें कि पिछले महीने ही कंगना को भाजपा ने उस टिप्पणी के लिए चेतावनी दी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। उनकी यह टिप्पणी बांग्लादेश की नेता शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और उनके खिलाफ छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के कारण भारत भागने के लिए मजबूर होने के कुछ दिनों बाद आई थी।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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