'सीरियल ऑफेंडर हैं दानिश अली', क्या बिधूड़ी को बचा रहे भाजपाई? निशिकांत के बाद अब रवि किशन
BJP MPs Slams Danish Ali: भाजपा सासंद रमेश बिधूड़ी की जुबान सदन की कार्यवाही के दौरान बेलगाम हो गई और वो बसपा सांसद दानिश अली को अभद्र भाषा से नवाजने लगे। अब एक-एक करके दानिश अली के खिलाफ भाजपा सांसद मैदान में उतर रहे हैं। निशिकांत दुबे के बाद अब रवि किशन का ना भी इस लिस्ट में जुड़ गया है।
दानिश अली पर इल्जाम लगाने से क्या रमेश बिधूड़ी का बचाव होगा?
Ramesh Bidhuri Vs Danish Ali: संसद में ऐसी गालियों का प्रयोग हुआ जो शायद गली-मोहल्ले के गुंडों की लड़ाई में सुनी जाती है। अभद्र भाषा इतने वाहियाद थे जिसका जिक्र किए जाने में भी किसी को शर्म आ जाएगा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भाजपा के सांसद बिधूड़ी की बदजुबानी को सुनकर हर किसी को शर्म आ जाएगी कि देश के सबसे मर्यादित स्थल संसद में इस तरह की भाषा आखिर क्यों बोलनी पड़ी। रमेश बिधूड़ी ने बसपा सासंद दानिश अली के खिलाफ गालियों का इस्तेमाल किया तो सियासत में उबाल आ चुका है। पूरे विपक्ष ने भाजपा सांसद की इस हरकत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो वहीं भाजपा के कुछ सांसद उलटा दानिश अली को कसूरवार करार दे रहे हैं। आपको पूरा माजरा तफसील से समझना चाबिए।
दानिश अली पर इल्जाम से होगा बिधूड़ी का बचाव?
वो एक कहावत है- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे... एक और कहावत है- एक तो चोरी उपर से सीनाजोरी। हमारा मकसद किसी को चोर या कोतवाल कहने का नहीं है। हां, मगर जिस तरह सियासत का ये अलग रंग देखने को मिल रहे है उसके बाद ये सारी कहावतें हर किसी को याद जरूर आ जाएंगी। खैर, संसद में हुई गालीबाजी की घटना के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बाद अब रवि किशन ने भी दानिश अली पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
दानिश अली को लेकर क्या बोले सांसद रवि किशन?
यूपी के गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन का कहना है, 'रमेश बिधूड़ी द्वारा दानिश अली पर किया गया व्यक्तिगत हमला अच्छा नहीं है। मैं उनके (बिधूड़ी) बयान का समर्थन नहीं करता हूं, लेकिन बात यह है कि अगर रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्यवाही हो रही है, तो सांसद दानिश अली के खिलाफ भी यही किया जाना चाहिए। अब आप पूछेंगे, क्यों? मैं कहना चाहूंगा कि मैं दो बार संसद में बोलने के लिए खड़ा हुआ, और उन्होंने मेरे ऊपर अभद्र भाषा में टिप्पणी की। जब जनसंख्या नियंत्रण विधेयक आ रहा था उन्होंने मेरे परिवार विवादित टिप्पणी की। मुझे यकीन है कि लोकसभा अध्यक्ष इस पर ध्यान देंगे। मैं एक पत्र लिख रहा हूं और इसका मसौदा तैयार किया गया है। उन्होंने दो बार ऐसा किया है। पत्र में, मैंने अनुरोध किया है कि अगर रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्यवाही हो रही है तो दानिश अली के खिलाफ भी होनी चाहिए।'
क्या बिधूड़ी को सॉफ्ट टारगेट बना रहे थे दानिश अली?
रवि किशन ने ये भी दावा किया कि 'दानिश अली को मैं पिछले करीब 5 साल से देख रहा है। जब भी कोई भारतीय जनता पार्टी का सदस्य बोलने के लिए सदन में खड़ा होता है, तो बहुत प्रवोक करते हैं। उन्होंने बिधूड़ी जी को सॉफ्ट टारगेट बना दिया था, उन्हें ये मालूम था कि ये प्रवोक हो जाएंगे। वो लंबे वक्त से इस प्रयास में जुटे थे और वो अपनी कोशिश में सफल हो गए। बाहर जाकर ये लोग बहुत हंस रहे थे कि हम लोग सफल हो गए और इस बात का हम लोग मुद्दा बनाएंगे। मैं खुद दानिश अली के कमेंट का भोगी हूं। उन्होंने मेरे, मेरे परिवार पर, मेरे बच्चों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। हमेशा दानिश अली के वाहियाद प्रयास होते हैं और बहुत अभद्र भाषा होती है। दानिश अली एक सीरियल ऑफेंडर हैं, उनके 5 साल के पूरे कार्यकाल के रिकॉर्ड की जांच की जानी चाहिए।'
दानिश अली के अशोभनीय आचरण की भी जांच की जाए
इससे पहले शनिवार को भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के ‘अशोभनीय’ आचरण और टिप्पणियों की भी जांच करनी चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने अली पर बृहस्पतिवार को लोकसभा में विधूड़ी के भाषण के दौरान टोका-टोकी करने तथा अप्रिय टिप्पणियां करने का आरोप लगाया एवं कहा कि उनके ऐसा करने का मकसद उन्हें (बिधूड़ी को) उकसाना था कि वह अपना धैर्य खो दें। दुबे ने आरोप लगाया कि अली ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘बहुत ही आपत्तिजनक और अपमानजनक’ टिप्पणी की। भाजपा नेता ने दावा किया कि उन्होंने (अली ने) ‘नीच’ शब्द का इस्तेमाल किया, जो ‘किसी भी देशभक्त जनप्रतिनिधि के लिए अपना संयम खो देने और ऐसे अशोभनीय शब्द बोलकर उनके जाल में फंस जाने के लिए’ काफी है। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बिधूड़ी की टिप्पणियों की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी सभ्य समाज उन्हें सही नहीं ठहरा सकता।
निशिकांत दुबे ने बसपा सांसद पर लगाए गंभीर आरोप
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'लेकिन लोकसभा अध्यक्ष को दानिश अली की अशोभनीय टिप्पणियों और आचरण की भी जांच करनी चाहिए। लोकसभा के नियमों के तहत किसी सांसद को आवंटित समय के दौरान उनके बोलते वक्त टोकने, बैठे-बैठे बोलने और लगातार टीका-टिप्पणी करने के लिए भी सजा देने का प्रावधान है।' दुबे के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए अली ने ‘एक्स’ पर कहा कि कुछ भाजपा नेता इस चर्चा को हवा दे रहे हैं कि उन्होंने बिधूड़ी को उकसाया। उन्होंने कहा, 'सच्चाई यह है कि मैंने प्रधानमंत्री की गरिमा की रक्षा करने की कोशिश की तथा पीठासीन अधिकारी से मोदीजी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए बहुत ही आपत्तिजनक शब्दों को कार्यवाही से हटाने की अपील की।' अपने पत्र में दुबे ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्यों ने भी दूसरे समुदाय के धार्मिक विश्वास के बारे में टिप्पणियां कीं। दुबे ने कहा कि उन्होंने जो कुछ लिखा है, वे ऐसे तथ्य हैं, जिनकी पुष्टि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि बिधूड़ी ने अनुपयुक्त आचरण किया है, तो अली एवं अन्य सदस्यों ने भी समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाया।
सदन में गालीबाजी, विवाद में अब तक क्या हुआ?
रमेश बिधूड़ी ने लोकसभा में दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद बड़ा विवाद पैदा हो गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिधूड़ी को चेतावनी दी तथा उनकी पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया। बिधूड़ी की टिप्पणियों को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया है। विपक्षी दलों ने बिधूड़ी की आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं अन्य दलों ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
संजय राउत ने बिधूड़ी के बयान की निंदा की
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने भी सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा संसद में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए भाजपा की रविवार को निंदा की। राउत ने नए संसद परिसर के बारे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश के विचारों से सहमति जताई और कहा कि वह अब भी पुरानी इमारत से ही जुड़ाव महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन को बनाने में काफी धन खर्च किया गया, लेकिन यह बिना 'सुविधाओं' की 'अस्त व्यस्त' इमारत है। राउत ने संवाददाताओं से कहा, 'एक लोकसभा सदस्य दूसरे सांसद को आतंकवादी और अतिवादी कहता है। वह उससे भी आगे जाकर सांसद के धर्म और जाति पर टिप्पणी करता है। यदि विपक्ष के किसी सांसद ने इस प्रकार की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया होता, तो भी मेरा यही रुख होता।' उन्होंने कहा, 'यह गलत है और इस प्रकार के व्यक्ति को संसद में नहीं होना चाहिए। नयी संसद की पवित्रता और गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।'
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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