'बांध बना तो बुरी तरह प्रभावित होंगे पूर्वोत्तर के निचले इलाके', चीन के प्रस्तावित 'ग्रेट बेंड डैम' पर BJP सांसद ने चेताया
Great Bend Dam: भाजपा सांसद ने कहा कि नदी की धारा मोड़ने की अपनी योजना पर चीन पहले से ही काम कर रहा है। इसके तहत वह 9.5 किलोमीटर लंबे और 9,500 मीटर ऊंचे बांध पर पहले ही काम शुरू कर चुका है। सांसद का दावा है कि चीन बांध बनाकर जल को येलो नदी में प्रवाहित करना चाहता है। नदी के सूखने और इसमें पाए जाने वाले जलीय जंतुओं के समाप्त होने का खतरा बन जाएगा।

भाजपा सांसद ने चीन के प्रस्तावित बांध पर जताई गंभीर चिंता।
Great Bend Dam: अरुणाचल प्रदेश के भाजपा सांसद तापिर गाओ ने यारलुंग सांगपो नदी पर चीन के प्रस्तावित 'ग्रेट बेंड डैम' पर गंभीर चिंता जताई है। सांसद ने कहा कि नदी पर इस बांध का निर्माण यदि हो जाता है तो इससे अरुणाचल प्रदेश, असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों के निचले इलाके बुरी तरह से प्रभावित होंगे। गाओ ने गुवाहाटी में एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार से इतर समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में यह बात कही। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की अपील की।
ह्मपुत्र नदी के बहाव में तेजी से कमी आएगी-तापिर गाओ
भाजपा सांसद ने कहा कि नदी की धारा मोड़ने की अपनी योजना पर चीन पहले से ही काम कर रहा है। इसके तहत वह 9.5 किलोमीटर लंबे और 9,500 मीटर ऊंचे बांध पर पहले ही काम शुरू कर चुका है। सांसद का दावा है कि चीन बांध बनाकर जल को येलो नदी में प्रवाहित करना चाहता है। गाओ ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना यदि पूरी हो जाती है तो इससे ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव में तेजी से कमी आएगी और यह कमी पारिस्थितिकीय तंत्र में गहरा असंतुलन पैदा करेगी। इससे नदी के सूखने और इसमें पाए जाने वाले जलीय जंतुओं के समाप्त होने का खतरा बन जाएगा।
यारलुंग सांगपो नदी पर बांध बना रहा चीन
इस बांध के खतरों के प्रति आगाह करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि स्थानीय आबादी के सामने जल संकट उत्पन्न हो जाएगा और पानी की कमी होने से कई तरह की चुनौतियां सामने आएंगी। गाओ ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में चीन ने यारलुंग सांगपो नदी पर बांध बनाने का फैसला किया है। उन्होंने बांध पर शुरू भी कर दिया है। वे केवल बांध ही नहीं बना रहे बल्कि उनकी योजना बांध बनाकर नदी की धारा येलो नदी की तरफ मोड़ने की है। अगर ऐसा हुआ तो इसका असर केवल असम और अरुणाचल प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में दिखेगा। नदी की धारा मोड़ देने पर ब्रह्मपुत्र नदी सूखने लगेगी। नदी में कम पानी होने से इलाके के पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र में असंतुलन पैदा होगा।
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इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाए भारत
भाजपा सांसद ने कहा कि चीन की इस परियोजना को तुरंत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जरूरत है। यह बताने की जरूरत है कि नदी जल बंटवारे पर भारत और चीन के बीच कोई संधि नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई जल संधि नहीं होने का फायदा चीन उठाता है। उसके बांध केवल बिजली और पानी के लिए नहीं है बल्कि वह जल का उपयोग एक 'हथियार' के रूप में करना चाहता है। खासकर, पूर्वोत्तर में इस 'वाटर बम' से भारी तबाही हो सकती है।
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