38 फीसदी वोट 303 सीट,हिंदुत्व की सफल रणनीति, फिर भाजपा को मुसलमानों की क्यों पड़ी जरूरत
BJP Strategy For Lok Sabha And Assembly Elections: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से बोहरा, पसमांदा और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर वर्ग तक पहुंचने और बगैर किसी चुनावी लाभ की लालसा के उनके लिए काम करने की बात कही है।
भाजपा को मुस्लिम वोट की क्यों याद आई
पीएम मोदी ने क्या कहा
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं से बोहरा, पसमांदा और सिखों जैसे अल्पसंख्यकों सहित समाज के हर वर्ग तक पहुंचने और बगैर किसी चुनावी लाभ की लालसा के उनके लिए काम करने की बात कही है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में करीब 400 दिन बचे हैं और इसलिए पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरे समर्पण के साथ समाज के हर वर्ग की सेवा करने में जुट जाना है।बैठक में शामिल पार्टी के कई नेताओं के अनुसार प्रधानमंत्री ने सूफीवाद के बारे में बहुत कुछ कहा और पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा कि वे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों से मिलें और उनसे जुड़ने के लिए विश्वविद्यालयों और चर्च जैसी जगहों का दौरा करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के जीवन का सर्वोत्तम समयआने वाला है, इसलिए ऐसे समय में देश के विकास में योगदान देने के लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
भाजपा को क्यों मुसलमानों की जरूरत
सवाल यह उठता है कि भारतीय जनता पार्टी हिंदुत्व की राजनीति और समाज के पिछड़े वर्ग को जोड़कर, जब अपनी राजनीति इतिहास में सबसे ऊंचाई पर है। तो उसे मुस्लिम समुदाय की क्यों जरूरत है। खास तौर पर जब वह अकेले 38 फीसदी और एनडीए के रूप में 45 फीसदी तक वोट हासिल कर चुकी है। और अपने दम पर लोक सभा में 300 से ज्यादा का आंकड़ा पार कर चुकी है। इस पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि देखिए भाजपा को अगर 2024 में फिर से मजबूती के साथ सत्ता में वापसी करनी है तो उसे दूसरे वर्ग को जोड़ना ही होगा। और उसके 50 लिए फीसदी वोट हासिल करना होगा, जो कि बिना समाज के हर वर्ग का वोट हासिल किए नहीं पाया जा सकता है।
कमजोर सीटों पर जरूरत
इसके लिए भाजपा को सबसे मुफीद पसमांदी मुस्लिम लग रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि18 राज्यों में जहां भी मुस्लिम आबादी है, हर जगह पसमांदा हैं। इसके अलावा यूपी, बिहार, झारखंड, बंगाल और असम में इनकी संख्या ज्यादा है। और सभी प्रमुख राज्यों को शामिल कर लिया जाय तो करीब 190 लोक सभा सीटें हैं। भाजपा इसी रणनीति के तहत 160 सीटों पर खास तौर से फोकस कर रही है। इसके अलावा उसने 1.30 लाख बूथों पर फोकस करने का प्लान बनाया है। कोशिश यही है कि जिन जगहों पर भाजपा कमजोर हैं, वहां से जीत हासिल कर तीसरी बार सत्ता में वापसी की राह आसान की जाय।
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