अब BJP का उद्धव गुट में बचे 14 विधायकों पर निशाना, MLA रविंद्र वायकर पर भ्रष्टाचार का आरोप
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की स्थापना से पहले शिवसेना और फिर कांग्रेस से जुड़े थे। उन पर एविघना ग्रुप बिल्डर कैलाश अग्रवाल के साथ 300 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा था। सन 2016 में बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ईडी में इसकी शिकायत की थी।
उद्धव गुट की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं।
Udhhav fraction : 40 विधायकों की बगावत के साथ उद्धव ठाकरे को पहले सत्ता गंवानी पड़ी और फिर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह। लेकिन ठाकरे गुट की परेशानियां यहीं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं क्योंकि विपक्ष से अब सत्ता में आ चुकी बीजेपी अब भी उन पर आक्रामक है। बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ठाकरे परिवार के सबसे करीबी विधायक रविंद्र वायकर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। सोमैया ने वायकर के खिलाफ उनके चुनाव क्षेत्र जोगेश्वरी में पांच सितारा होटल के लिए अवैध तरीके से सरकारी जमीन के आवंटन को लेकर 500 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाए। लेकिन पार्टी के मुखिया उद्धव ठाकरे खुद अपने विधायक के पक्ष में आए और हाल ही की अपनी एक सभा में उन्होंने बीजेपी सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करने का आरोपइससे पहले उद्धव ठाकरे, केजरीवाल समेत विपक्ष की 9 पार्टियों ने ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स जैसी केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग सत्ता लाभ के लिए किए जाने के मुद्दे पर एक चिट्ठी लिख अपना विरोध जाहिर किया था। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी एक ट्वीट में कई नेताओं के नाम लेते हुए कहा कि बीजेपी में शामिल होते ही नेताओं के खिलाफ जांच बंद हो जाती है। थरूर ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए उसे भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने वाली वॉशिंग मशीन बताया। उन्होंने इस लिस्ट में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित कई अन्य नेताओं के नाम लिए।
नारायण राणे पर भी लगा था भ्रष्टाचार का आरोपमहाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की स्थापना से पहले शिवसेना और फिर कांग्रेस से जुड़े थे। उन पर एविघना ग्रुप बिल्डर कैलाश अग्रवाल के साथ 300 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल होने का आरोप लगा था। सन 2016 में बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ईडी में इसकी शिकायत की थी। राणे ने 2017 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और 2019 में बीजेपी में अपने बनाए संगठन महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष का विलय कर लिया। इसके बाद मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता केतन तिरोडकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट में नारायण राणे के खिलाफ एक आपराधिक याचिका दायर की लेकिन यह जांच आगे नहीं बढ़ी।
एकजुट विपक्ष की मांग तेजकेतन तिरोडकर ने कोर्ट में अपनी याचिका में दावा किया कि अविघ्न समूह के मालिक कैलाश अग्रवाल और नीलम होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ जांच रोकने का निर्देश केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ई़डी को दिया था। बहरहाल ताजा आरोपों के बाद उद्धव गुट का आरोप है कि बीजेपी उनके नेताओं में केंद्रीय एजेंसी का भय दिखाकर खुद की पार्टी में शामिल करना चाहती है। यही वजह है कि अब 2024 के लिए एकजुट विपक्ष की मांग भी और तेज हो गई है।
(अरुणील की रिपोर्ट)
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आलोक कुमार राव author
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