वक्फ बिल पर घमासान, कौन किसके साथ? समझिए संसद में भाजपा और विपक्ष का गणित
Waqf Bill: लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने वाला है जिसको लेकर केंद्र और विपक्ष आमने-सामने नजर आएंगे। इस बिल पर चर्चा के लिए लोकसभा में 8 घंटे प्रस्तावित किए गए हैं। लोकसभा में मंजूरी मिलने के बाद विधेयक को गुरुवार को राज्यसभा में लाया जा सकता है। वहां भी संख्याबल भाजपा नीत राजग के पक्ष में है।

लोकसभा
Waqf Bill: लोकसभा में आज वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने वाला है जिसको लेकर केंद्र और विपक्ष आमने-सामने नजर आएंगे। इस बिल पर चर्चा के लिए लोकसभा में 8 घंटे प्रस्तावित किए गए हैं। इस दौरान भारी हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं। राजग और विपक्ष दोनों ने ही बिल को लेकर अपनी-अपनी रणनीति तैयार कर ली है और अपने दलों के नेताओं को व्हिप जारी कर संसद में मौजूद रहने को कहा है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में सदन की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की बैठक में इस विधेयक पर आठ घंटे की चर्चा के लिए सहमति बनी जिसे सदन की भावना के अनुरूप और बढ़ाया जा सकता है।
राजग में भाजपा के बाद चार सबसे बड़े घटकों तेदेपा, जदयू, शिवसेना और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार के रुख का समर्थन करने को कहा है। दूसरी तरफ, विपक्षी 'आईएनडीआईए' गठबंधन ने एकजुटता दिखाई और सदन में वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने के लिए अपनी संयुक्त रणनीति पर चर्चा की।
वक्फ संशोधन विधेयक के समर्थन में कौन-कौन?
- जदयू
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
- तेदेपा
- शिवसेना
नीतीश कुमार की जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे दलों के नेताओं ने पुष्टि की है कि वह वक्फ विधेयक को लेकर सरकार के साथ हैं और विधेयक का विरोध नहीं करेंगे। साथ ही उन्होंने विपक्ष के आरोपों का उन आरोपों का खंडन किया जिसमें कहा गया कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों का अतिक्रमण करेगा।
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शिवसेना ने तीन लाइन का व्हिप जारी कर अपने सभी सांसदों को 2 और 3 अप्रैल को सदन में उपस्थित को सुनिश्चित करने को कहा। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक तेदेपा, जदयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) जैसे भाजपा के बड़े सहयोगी दलों ने शुरू में विधेयक के कुछ पहलुओं पर आपत्ति जताई, लेकिन संसद की संयुक्त समिति द्वारा उनके कुछ सुझावों को अपनाए जाने के बाद वे विधेयक का समर्थन कर सकते हैं।
क्या कहता है नंबर गेम
लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक को पारित होने के लिए 272 मतों की जरूरत है। 542 सांसदों में से 240 सांसद तो अकेले भाजपा के पास है। ऐसे में अगर राजग साथ देता है तो लोकसभा में बिल पारित हो जाएगा।
लोकसभा में NDA दलों के सदस्यों कुल संख्या
दल | सदस्यों की संख्या |
भाजपा | 240 |
तेदेपा | 16 |
जदयू | 12 |
शिवसेना | 7 |
लोजपा (रामविलास) | 5 |
जदएस | 2 |
जनसेना | 2 |
रालोद | 2 |
अन्य | 7 |
कुल | 293 |
क्या राज्यसभा में पारित हो पाएगा विधेयक?
राज्यसभा में राजग के पास 125 सांसद हैं जिनमें भाजपा के 98 और सहयोगी दलों के 19 सदस्य शामिल हैं। 245 सदस्यों वाले उच्च सदन में इस विधेयक को पारित कराने के लिए 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। हालांकि, केंद्र के पास बहुमत से भी ज्यादा समर्थन मौजूद है। वहीं, विपक्षी खेमे में कांग्रेस के 27 और अन्य दलों के 119 और एक निर्दलीय सांसद को मिलकर कुल संख्या 88 ही पहुंच पा रही है।
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