सबका साथ, सबका विकास सिर्फ नारा, ओवैसी ने बीजेपी पर साधा निशाना

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास सिर्फ खोखले नारे हैं।

एआईएमआईएम के मुखिया बीजेपी पर निशाना साधते रहते हैं। उनके मुताबिक बीजेपी नेताओं की कथनी और करनी में फर्क है। देश के पीएम सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास का नारा तो जरूर देते हैं। लेकिन मुस्लिम समाज की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। मुस्लिम इलाकों में एटीएम को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाता है। स्वास्थ्य सुविधा के लिए भटकना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को मुस्लिमों की पहचान से परेशानी है।बीजेपी के लोग सोचते हैं कि हलाल मीट, मुस्लिमों की टोपी, उनके खानपान, उनकी दाढ़ी से खतरा है। हकीकत यह है कि बीजेपी मुस्लिमों की पहचान के खिलाफ है। भारत की विविधता को नष्ट करने पर बीजेपी तुली हुई है।

ओवैसी को पता नहीं क्या होता है सबका विकास

भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को ब्रिटेन की कमान मिलने के बाद दुनियाभर में उनकी चर्चा है। इस बीच AIMIM Chief Asadussin Owaisi ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि ' सबका विकास सिर्फ एक जुमला है, जमीनी हकीकत कुछ और ही है '। इसके जवाब में पूर्व केंद्रीय मंत्री Syed Shahnawaz Hussain ने कहा " ओवैसी खुद के विकास के लिए काम करते है, उन्हें क्या पता सबका विकास क्या होता है।

यूपी के अलग अलग हिस्सों में लड़ेंगे चुनाव

इसके साथ यूपी एआईएमआईएम के चीफ शौकत अली का कहना है कि उनका दल आने वाले चुनावों में शिरकत करेगा। यही नहीं समाजवादी पार्टी के कई नेता उनकी पार्टी का हिस्सा बनेंगे।अलग अलग दलों के नेता उनकी पार्टी की ओर रुख कर रहे हैं। एआईएमआईएम, पूर्वी यूपी, बुंदेलखंड, और मध्य यूपी में चुनाव लड़ेगी। 2017 के चुनाव को बीजेपी ने मीडिया की मदद से पोलराइज किया था। मुस्लिम समाज ने सोचा कि समाजवादी पार्टी बीजेपी को हरा पाने में कामयाब होगी। आजाजी के बाद से ही मुस्लिम समाज ने धर्मनिपरेक्ष ताकतों का समर्थन कर बीजेपी को हराने का काम किया है।

एजेंडे के तहत काम कर रही है यूपी सरकार

शौकत अली का कहना है कि ओवैसी ने कभी भी हिंदू मुस्लिम मुद्दे को नहीं उठाया। मुस्लिम इलाकों में जब एटीएम को ब्लैकलिस्ट किया गया तो यह राष्ट्रीय स्तर की खबर बनी और बाद में वहीं हिंदू मुस्लिम मुद्दा भी बना। मुस्लिम इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की दिक्कत है। लेकिन उनकी लड़ाई बीजेपी के खिलाफ जारी रहेगी। हाल ही में यूपी सरकार की तरफ से मदरसों का सर्वे कराया गया। लेकिन सच तो यह है कि सर्वे के जरिए वक्फ की संपत्तियों को निशाना बनाया जा रहा है। मदरसा सर्वे एक तरह का षड़यंत्र है। अगर किसी ने सरकारी जमीन को वक्फ के नाम पर करा लिया है तो उसके खिलाफ अदालत जाने की जरूरत है।
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ललित राय author

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