BJP या कांग्रेस, मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले से किसे होगा फायदा?

Mayawati: अपने जन्मदिन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव खत्म होने के बाद गठबंधन के बारे में विचार कर सकती है।

मायावती

Mayawati Decision on Election 2024: बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को आगामी 2024 लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया। मायावती ने कहा कि वह दलितों, पिछड़े वर्गों, आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदायों के कल्याण के लिए बसपा को मजबूत करना चाहती हैं। मायावती ने सीधे तौर पर भाजपा का नाम लिए बिना समाजवादी पार्टी पर मुख्य रूप से निशाना साधा। हालांकि, उन्होंने बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी के बीच मुफ्त राशन के वितरण पर अपनी बात रखी।

मायावती का अकेले लड़ने का ऐलान

अपने जन्मदिन पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख ने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव खत्म होने के बाद गठबंधन के बारे में विचार कर सकती है। मायावती ने कहा, गठबंधन को लेकर हमारा अनुभव हमारे लिए कभी फायदेमंद नहीं रहा है और गठबंधन से हमें ज्यादा नुकसान होता है। इसी वजह से देश की ज्यादातर पार्टियां बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती हैं। चुनाव के बाद गठबंधन पर विचार किया जा सकता है। चुनाव के बाद बसपा अपना समर्थन दे सकती है। अभी हमारी पार्टी अकेले चुनाव लड़ेगी।

गठबंधन से दूरी क्यों?

मायावती ने जाति-आधारित राजनीति के बने रहने का हवाला देते हुए कहा कि उनके मतदाता, खासकर ऊंची जातियां, बसपा का समर्थन नहीं करती हैं। सपा और कांग्रेस के साथ पिछले गठबंधनों का जिक्र करते हुए उन्होंने गिरगिट की तरह रंग बदलने के लिए अखिलेश यादव को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि गठबंधन से हमेशा बसपा को नुकसान होता है, इसलिए उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया।
End Of Feed