BJP vs Congress: मणिपुर मामले पर खड़गे ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, तो जेपी नड्डा ने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर दिया ये जवाब
Manipur Violence Row: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मणिपुर मामले में तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह किया तो, भाजपा ने उन्हें जवाब दिया है। खुद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खड़गे को पत्र लिखा है। नड्डा ने खड़गे से क्या कुछ कहा, इस रिपोर्ट में पढ़िए।
मणिपुर हिंसा को लेकर जेपी नड्डा vs मल्लिकार्जुन खड़गे।
JP Nadda vs Mallikarjun Kharge: मणिपुर हिंसा पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र लिखा तो, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने खड़गे को पत्र लिखा है। कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह मणिपुर के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि राज्य के लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
मणिपुर हिंसा को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच छिड़ी जुबानी जंग
जेपी नड्डा ने अपने पत्र में लिखा है कि 'चौंकाने वाली बात यह है कि मणिपुर में स्थिति को सनसनीखेज बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी द्वारा बार-बार प्रयास किए जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि आप भूल गए हैं कि न केवल आपकी सरकार ने भारत में विदेशी उग्रवादियों के अवैध प्रवास को वैध बनाया, बल्कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उनके साथ संधियों पर हस्ताक्षर किए थे! इसके अलावा, गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने देश से भागने वाले इन ज्ञात उग्रवादी नेताओं को उनके अस्थिर करने के प्रयासों को जारी रखने के लिए पूरे दिल से समर्थन और प्रोत्साहन दिया गया।'
जेपी नड्डा ने कांग्रेस की पिछली सरकारों को निशाना बनाते हुए दिया जवाब
कांग्रेस के पिछली सरकारों के कार्यकाल का जिक्र करते हुए नड्डा ने आगे लिखा कि 'आपकी सरकार के तहत भारत की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रोटोकॉल की यह पूरी तरह से विफलता एक प्रमुख कारण है कि उग्रवादी और आदतन हिंसक संगठन मणिपुर में कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को नष्ट करने और इसे कई दशकों पीछे अराजकता के युग में धकेलने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि कांग्रेस के विपरीत, हमारी सरकार किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी।'
नड्डा ने आगे लिखा कि 'भारत की प्रगति को पटरी से उतारने की चाहत रखने वाली विदेशी ताकतों के गठजोड़ का समर्थन और प्रोत्साहन देने वाले कांग्रेस नेताओं का यह पैटर्न वास्तव में चिंताजनक है। इन व्यक्तियों के दुर्भावनापूर्ण इरादों को पहचानने में इस विफलता के परिणामस्वरूप, आपकी पार्टी अक्सर उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलती नज़र आती है। क्या यह विफलता कांग्रेस की सत्ता की लालसा के कारण उत्पन्न दुर्भाग्यपूर्ण अंधेपन का परिणाम है या लोगों को विभाजित करने और हमारे लोकतंत्र को दरकिनार करने की सावधानीपूर्वक तैयार की गई रणनीति का हिस्सा है, यह हमारे देश को जानने का हक है।'
खड़गे ने राष्ट्रपति से किया था मणिपुर के मामले में तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मल्लिकार्जुन खड़गे ने आग्रह किया कि वह मणिपुर के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि राज्य के लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर हिंसा रोकने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप भी लगाया और दावा किया कि प्रदेश की जनता अब इन दोनों सरकारों में विश्वास खो चुकी है। मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा होने के बाद खड़गे ने राष्ट्रपति को दो पृष्ठों का यह पत्र लिखा है।
खड़गे ने आगे कहा था, 'देश को असाधारण रूप से गंभीर त्रासदी झेलनी पड़ी है। पिछले 18 महीनों से मणिपुर में अभूतपूर्व उथल-पुथल के कारण महिलाओं, बच्चों सहित 300 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इस त्रासदी ने लगभग एक लाख लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित कर दिया है। लोगों की पीड़ा लगातार बनी हुई है।' उन्होंने दावा किया कि केंद्र और राज्य सरकार की निष्क्रियता के चलते मणिपुर में पूरी तरह अराजकता व्याप्त है, कानून का शासन खत्म हो गया है और मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है। खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मणिपुर जाने से ‘‘इनकार करना’’ किसी की भी समझ से परे है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मेरा मानना है कि यह आपके लिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य हो गया है कि आप तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि मणिपुर में हमारे नागरिकों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।'
खड़गे ने मणिपुर की स्थिति के लिए केंद्र और राज्य सरकार को ठहराया जिम्मेदार
उन्होंने कहा था कि 'मुझे विश्वास है कि आपके हस्तक्षेप से मणिपुर के लोग फिर से अपने घरों में शांति, सम्मान और सुरक्षा के साथ रह सकेंगे।' इससे पहले दिन में, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के साथ मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के. मेघचंद्र सिंह, राज्य प्रभारी गिरीश चोडानकर, इनर मणिपुर के सांसद ए बिमोल अकोइजम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने खड़गे से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। कांग्रेस अध्यक्ष ने मणिपुर की वर्तमान स्थिति के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ‘‘जानबूझकर की गई चूक और कमीशन के कृत्य’’ तथा ‘‘अत्यधिक निष्क्रियता’’ को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, 'हर गुजरते दिन के साथ, मणिपुर के लोग असुरक्षित होते जा रहे हैं'
खड़गे ने पत्र में कहा था, 'मणिपुर के लोगों की मांग के बावजूद मई, 2023 से प्रधानमंत्री ने राज्य का दौरा नहीं किया है।' उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पिछले 18 महीनों में तीन बार मणिपुर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों पूरी तरह विफल साबित हुई हैं।
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