MPs के निलंबन, उप राष्ट्रपति के 'अपमान' पर जारी है तकरार, विजय चौक से विपक्ष तो जंतर-मंतर से BJP का पलटवार
Mimicry and Suspension row: सांसदों के निलंबन पर विपक्ष भाजपा एवं सरकार को घेर रहा है। विपक्ष का कहना है कि संसद से उसके सांसदों को नहीं बल्कि लोकतंत्र को निष्कासित किया गया है। सांसदों के इस निलंबन के खिलाफ विपक्ष शुक्रवार को जंतर-मंतर तक मार्च निकालेगा।
Mimicry and Suspension row: संसद से विपक्ष के सांसदों के निलंबन और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की खिल्ली उड़ाए जाने पर राजनीति गरम है। सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। दोनों एक-दूसरे पर सवालों की बौछार और एक दूसरे को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा उप राष्ट्रपति की कार्यशैली की मिमिक्री करने पर भाजपा विपक्ष पर हमलावर है। भाजपा के सांसदों ने गुरुवार को जंतर मंतर तक मार्च किया। भाजपा नेता जंतर-मंतर पर तख्तियां लेकर बैठे और विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी की।
अब क 143 सांसद हो चुके हैं निलंबित
शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे विपक्ष के नेता निलंबित सांसदों के साथ संसद परिसर से विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला। गुरुवार सुबह संसद के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वह नहीं चाहते कि संसद चले। बता दें कि संसद की कार्यवाही में बाधा खड़ी करने एवं अमर्यादित आचरण करने पर लोकसभा एवं राज्यसभा के 143 सांसदों को निलंबित किया गया है। लोकसभा से 97 और राज्यसभा से 46 सांसद सस्पेंड हुए हैं।
पीएम, गृह मंत्री को सदन में बयान देना चाहिए था-खरगे
सांसदों के निलंबन पर विपक्ष भाजपा एवं सरकार को घेर रहा है। विपक्ष का कहना है कि संसद से उसके सांसदों को नहीं बल्कि लोकतंत्र को निष्कासित किया गया है। सांसदों के इस निलंबन के खिलाफ विपक्ष शुक्रवार को जंतर-मंतर तक मार्च निकालेगा। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार नहीं चाहती कि सदन में कामकाज हो, राज्यसभा के सभापति एक मुद्दे को उठाने के दौरान संसद में जातिवाद की बात करने लगे। हम संसद में सुरक्षा में चूक का मामला उठाना चाहते थे कि यह क्यों हुआ, कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। गृह मंत्री को सुरक्षा में चूक मामले पर सदन में बोलना चाहिए था। प्रधानमंत्री ने कहीं और बात की लेकिन वह लोकसभा, राज्यसभा में नहीं आए।
यह कोई गुडवर्क नहीं -मायावती
सांसदों के इस निलंबन पर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, संसद के दोनों सदनों से लभगग 150 सांसदों का निलंबन संसदीय इतिहास के लिए दुखद है। उन्होंने कहा, यह कोई गुडवर्क नहीं है और लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है। मायावती ने कहा, बिना विपक्ष के बिल पारित होना भी एक गलत परंपरा है।
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