'सलाम' नहीं, 'नमस्कार' कहिए...टीपू काल के मंदिर में बदलेगा आरती का नाम, BJP शासित कर्नाटक सरकार का फैसला

दरअसल, भाजपा और कुछ हिंदू संगठन टीपू को ‘क्रूर हत्यारे ’ के रूप में देखते हैं। कुछ कन्नड़ संगठन उसे कन्नड़ विरोधी करार देते हैं और आरोप लगाते हैं कि उसने स्थानीय भाषा के स्थान पर फारसी भाषा को प्रोत्साहन दिया था।

aarti

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शासन वाले कर्नाटक में टीपू सुल्तान के समय काल के मंदिरों में आरती का नाम बदला जाएगा। यह फैसला राज्य सरकार ने लिया है, जिसके तहत कुछ रीति-रिवाजों का नाम बदलकर इन्हें स्थानीय नाम दे दिया जाएगा। मौजूदा समय में ‘सलाम आरती’, ‘सलाम मंगल आरती’ और ‘दीवतिगे सलाम’ के नामों में परिवर्तन कर के इनमें नमस्कार जोड़ा जाएगा।
कर्नाटक में मुजराई मंत्री शशिकला जोले के हवाले से शनिवार (10 दिसंबर, 2022) को समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य सरकार ने 18वीं शताब्दी के शासक टीपू सुल्तान के दौर के मंदिरों में जारी ‘सलाम आरती’, ‘सलाम मंगल आरती’ और ‘दीवतिगे सलाम’ जैसी परंपराओं का नाम बदलकर इन्हें स्थानीय नाम देने का निर्णय लिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया कि इन रीति-रिवाजों को बंद नहीं किया जाएगा।
जोले के मुताबिक, ‘‘यह फैसला किया गया है कि दीवतिगे सलाम का नाम बदलकर दीवतिगे नमस्कार, सलाम आरती का नाम बदलकर आरती नमस्कार किया जाएगा। इसी तरह सलाम मंगल आरती का नाम बदलकर मंगल आरती नमस्कार किया जाएगा। यह हमारे विभाग के वरिष्ठ आगम पुजारियों की राय पर आधारित है। (इस संबंध में) एक परिपत्र जारी किया जाएगा।’’
मंत्री ने आगे बताया कि कर्नाटक राज्य धार्मिक परिषद की बैठक में कुछ सदस्यों ने इस ओर इंगित किया था कि कुछ श्रद्धालुओं ने इन रीति रिवाजों का नाम बदलने मांग की है। बैठक में इस विषय पर व्यापक चर्चा हुई थी। रीति-रिवाज परंपरा के अनुरूप जारी रहेंगे और केवल उनके नाम को बदला जाएगा जिसमें हमारे भाषा के शब्द शामिल होंगे।
ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम टीपू सुल्तान पर सत्ताधारी भाजपा के रुख के अनुरूप उठाया गया है। दरअसल, भाजपा और कुछ हिंदू संगठन टीपू को ‘क्रूर हत्यारे ’ के रूप में देखते हैं। कुछ कन्नड़ संगठन उसे कन्नड़ विरोधी करार देते हैं और आरोप लगाते हैं कि उसने स्थानीय भाषा के स्थान पर फारसी भाषा को प्रोत्साहन दिया था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited