मिशन इलेक्शन के लिए BJP फूंकेगी NDA में नई जान! नए-पुराने समेत ये दल लेगी साथ, 'शक्ति प्रदर्शन' को भेजा न्यौता
Elections 2024: सबसे रोचक बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ऐसा पहली बार हुआ है, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट, शिरोमणि अकाली दल और जनता दल (यूनाइटेड) सहित कई पुराने और प्रमुख घटकों के विभिन्न मुद्दों को लेकर भाजपा से नाता तोड़ने के बाद इतने बड़े पैमाने पर एनडीए की बैठक होनी है।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Elections 2024: लोकसभा चुनाव (2024 में) से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मिशन इलेक्शन मोड में है। यही वजह है कि फूंक-फूंक कर कदम रखने (कर्नाटक की हार के बाद से) के साथ ही अपनी कमर कसे हुए है। भगवा ब्रिगेड की नजर अब आम चुनावों से पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में नई जान फूंकने पर है।
ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने 18 जुलाई, 2023 को एनडीए की अहम मीटिंग में शामिल होने के लिए नए और पुराने सहयोगी दलों के नेताओं को खत लिखा है। ऐसे नेताओं में लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के नेता चिराग पासवान (दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के बेटे हैं, जो 2020 में एनडीए से अलग हो गए थे) भी हैं, जो खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान तक करार दे चुके हैं।
नड्डा ने चिराग को लिखी चिट्ठी में लोजपा (आर) को एनडीए का अहम घटक दल बताया। साथ ही इसे गरीबों के विकास और कल्याण के लिए मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों में एक प्रमुख भागीदार करार दिया। इस बीच, सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि नड्डा ने कई और दलों के नेताओं को भी ऐसे ही लेटर लिखे, जिनमें वे पार्टियां भी हैं, जिन्हें भाजपा 2024 के आम चुनावों से पहले साथ जोड़ने की कवायद में है।
बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी को भी नड्डा का न्यौता मिला है। मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने ‘पीटीआई’ को इस बारे में बताया कि वह 18 जुलाई को होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। वैसे, एनडीए के इस महामंथन में भाजपा के कई नए सहयोगी दल हिस्सा ले सकते हैं। ऐसी पार्टियों में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का अजित पवार के नेतृत्व वाला खेमा, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई छोटे दल और पूर्वोत्तर राज्यों के क्षेत्रीय दल हैं।
वैसे, इस मीटिंग में पीएम मोदी के भी मौजूद रहने की संभावना है। फिलहाल यह तो साफ नहीं है कि इस महामीटिंग में कितने दल हिस्सा लेंगे? पर सूत्रों की मानें तो यह संख्या 14 से अधिक हो सकती है। पीटीआई को बीजेपी के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि दल की टॉप लीडरशिप नए साझेदारों से संपर्क साध रही है, जिससे इनकी संख्या में काफी इजाफा हो सकता है।
शिअद और टीडीपी के एनडीए में लौटने की अटकलें हैं, पर इन दोनों (शिअद और तेदेपा) ने ऐसे किसी घटनाक्रम की पुष्टि से इन्कार किया। दरअसल, पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने के विपक्ष के प्रयासों के बीच एनडीए की इस मीटिंग को सियासी गलियारों में सत्तारूढ़ गठबंधन के शक्ति प्रदर्शन करने के रूप में देखा जा रहा है।
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