Yadav Card: मध्यप्रदेश में भाजपा के यादव कार्ड ने यूपी में बढ़ाई SP की चिंता

BJPs Yadav card: भाजपा ने एमपी में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर जो यादव कार्ड खेला है, उसका सीधा असर यूपी में पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में आगामी आम चुनाव में सपा के लिए आगे की डगर चुनौती भरी हो सकती है।

मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर जो यादव कार्ड खेला है, उसका सीधा असर यूपी में पड़ने का अनुमान

मध्यप्रदेश के चुनाव नतीजों के बाद भाजपा द्वारा यादव चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले ने यूपी में समाजवादी पार्टी (सपा) की चिंता बढ़ा दी है। पार्टी को अपने मूल वोट बैंक यादव पर सेंधमारी होने का खतरा नजर आ रहा है।राजनीतिक जानकर बताते हैं कि राम नरेश यादव से लेकर मुलायम सिंह और अखिलेश यादव तक तीन यादव पांच बार यूपी के मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यादव वोट बैंक भाजपा के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

आंकड़ों के अनुसार, यूपी की 24 करोड़ आबादी में यादवों का हिस्सा लगभग 9-10 फीसदी है। इसके साथ, प्रदेश में कई दर्जन जिले ऐसे हैं, जिनमें यादव आबादी लगभग 20 प्रतिशत है। यादव वोट बैंक पर समाजवादी पार्टी की सबसे मजबूत पकड़ मुलायम के जमाने से चली आ रही है।

सपा के एक नेता ने बताया कि यादव वोट बैंक पर सपा का विश्वास सपा के स्थापना काल से चला आ रहा है। मुलायम ने अपने क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। इसलिए इस वोट बैंक पर किसी और दल के नेता को कोई पद देने से ज्यादा कुछ फर्क तो नहीं पड़ेगा। हालांकि अलर्ट रहने की जरूरत है। क्योंकि बुंदेलखंड बेल्ट में यह वोट बैंक का झुकाव जरूर दूसरी ओर हो सकता है। इसे साधने के लिए तैयारी करनी पड़ेगी। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व को इसकी चिंता भी है। उनके इसके लिए मेहनत करनी पड़ेगी।

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