अनिल देशमुख से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सचिन वाजे को राहत, बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी जमानत
सीबीआई ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि वाजे ने अब तक मामले में गवाही नहीं दी है और उसे जमानत पर रिहा करना हित में नहीं होगा। जून 2022 में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें सरकारी गवाह घोषित किया था।
सचिन वाजे
Sachin Waze Gets Bail: बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को जमानत दे दी। मामला महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़ा हुआ है। जस्टिस एम एस सोनक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वाजे को जमानत दे दी और कहा कि इसके लिए शर्तें विशेष सीबीआई अदालत द्वारा तय की जाएंगी। हालांकि, बर्खास्त पुलिस अधिकारी जेल में ही रहेगा क्योंकि वह राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज एंटीलिया बम कांड मामले में न्यायिक हिरासत में है।
वाजे को बनाया सरकारी गवाह
वर्तमान में न्यायिक हिरासत में वाजे ने यह दावा करते हुए जमानत पर रिहा करने की मांग की थी कि वह मामले में एक सरकारी गवाह है, और साथ ही यह हवाला भी दिया कि मामले में अन्य आरोपी जमानत पर बाहर हैं। वाजे के वकील आबाद पोंडा ने कहा था कि सरकारी गवाह घोषित होने के बाद भी उन्हें जेल में रखना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। सीबीआई ने यह कहते हुए याचिका का विरोध किया था कि वाजे ने अब तक मामले में गवाही नहीं दी है और उसे जमानत पर रिहा करना हित में नहीं होगा। जून 2022 में विशेष सीबीआई अदालत ने उन्हें सरकारी गवाह घोषित किया था।
मनसुख हिरन हत्या में गिरफ्तार
वाजे को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास पाए गए विस्फोटकों से भरे वाहन और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में उनकी भूमिका के लिए मार्च 2021 में गिरफ्तार किया गया था। हाई कोर्ट ने अप्रैल 2021 में पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख पर लगाए गए भ्रष्टाचार और आधिकारिक शक्ति के दुरुपयोग के आरोपों की शुरुआती जांच करने का निर्देश सीबीआई को दिया था।
देशमुख के साथ वाजे भी गिरफ्तार
इस पूछताछ के आधार पर सीबीआई ने देशमुख और उनके सहयोगियों के साथ-साथ वाजे के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की थी। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि राज्य के तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस कर्मियों को मुंबई में रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये उगाही का निर्देश दिया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि वाजे, जिसे पहले एक फर्जी मुठभेड़ मामले में निलंबित कर दिया गया था, उसे बहाल कर दिया गया था और देशमुख की ओर से धन की उगाही कर रहा था। मामले में अन्य आरोपी देशमुख के पूर्व सहयोगी संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे हैं। ये तीनों फिलहाल जमानत पर हैं।
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