बोम्मई का प्रयोग हुआ फेल तो योगी ने बरकार रखी धमक,UP-कर्नाटक के नतीजे BJP के लिए 2024 का सबक
Karnatka Assembly Election 2023, UP Nikay Chunav Result 2023 :BJP ने कर्नाटक में बोम्मई को सत्ता येदियुरप्पा जैसा कद्दावार नेता के हाथ से कमान लेकर सौंपी थी। लेकिन उनके सत्ता संभालने के बाद पार्टी में एकजुटता की जगह अंतर्कलह बढ़ता गया। लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार जैसे नेता ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। उसके अलावा टिकटों के बंटवारे के बाद भी असंतोष दिखने लगा।
कर्नाटक के मुख्य मंत्री बासवराज बोम्मई और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
Karnatka Assembly Election 2023, UP Nikay Chunav Result 2023 :करीब 22 महीने पहले जब भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने बासवराज बोम्मई के हाथ में कर्नाटक की कमान सौंपी थी। तो उन्हें 2023 के चुनावों में गुजरात जैसे चमत्कार की उम्मीद थी। लेकिन आज (13 मई) को जो नतीजे आ रहे हैं, उसे साफ है कि दक्षिण का द्वारा BJP के हाथ से निकल गया है। और एक बार फिर कांग्रेस के हाथ में सत्ता पहुंचने जा रही है। रुझानों से साफ है कि कर्नाटक में भाजपा को बोम्मई प्रयोग नहीं चला है।
13 मई के एक और राज्य के नतीजों को देखा जाय तो उससे साफ पता चलता है कि भाजपा के लिए कर्नाटक में कमजोर नेतृत्व नुकसानदायक साबित हो रहा है। आज ही के दिन उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। और वहां भाजपा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक तरफा जीत हासिल करती दिख रही है। ऐसे में इन 2 राज्यों के नतीजे भाजपा के लिए 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव और उससे पहले 4 प्रमुख राज्यों में होने वाले विधान सभा चुनावों के लिए अहम सबक साबित होंगे।
कमजोर पकड़ से बिगड़ा खेल
BJP ने कर्नाटक में बोम्मई को सत्ता येदियुरप्पा जैसा कद्दावार नेता के हाथ से कमान लेकर सौंपी थी। लेकिन उनके सत्ता संभालने के बाद पार्टी में एकजुटता की जगह अंतर्कलह बढ़ता गया। लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार जैसे नेता ने पार्टी का साथ छोड़ दिया। उसके अलावा टिकटों के बंटवारे को लेकर भी असंतोष दिखने लगा। इसके साथ ही कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे को भुनाती दिखी। इस दौरान बोम्मई कांग्रेस का मजबूती से काउंटर अटैक नहीं कर पाए। जिसका खामियाजा पार्टी को उनके नेतृत्व में चुनाव में उठाना पड़ा है।
यूपी में सपा का सफाया
वहीं उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों में कर्नाटक से उलट नतीजे दिख रही है। BJP राज्य की सभी 17 मेयर की सीटों पर आगे चल रही है। कहीं सीटों पर पार्टी ने निर्णायक बढ़त ले चुकी है। अतीक अहमद के लाइव मर्डर के बाद समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम वोटों को लुभाने के लिए कई दांव चले थे। लेकिन मेयर नतीजों से साफ दिख रहा है कि अखिलेश यादव का दांव योगी आदित्यनाथ के आगे नहीं चला है। पिछली बार 14 मेयर सीटें भाजपा ने जीतें थीं।
इसी तरह स्वार सीट पर भी भाजपा गठबंधन आगे चल रहा है। रामपुर जिले में आने वाली स्वार सीट पर आजम खां परिवार का दबदबा रहा है। अगर भाजपा वहां जीतती है तो यह आजम खां परिवार के बड़ा झटका होगा। हालांकि मिर्जापुर में अपना दल उम्मीदवार का पीछे चलना भाजपा से ज्यादा अनुप्रिया पटेल के लिए झटका है। क्योंकि वह इलाका अपना दल का गढ़ है।
भाजपा के लिए सबक
दो राज्यों के रुझानों से साफ है कि भाजपा को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना जैसे अहम विधानसभा चुनावों को लेकर खास रणनीति बनानी होगी। क्योंकि 2024 के लोक सभा चुनावों से पहले भाजपा की अग्नि परीक्षा होगी। इसमें जहां छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है, वहीं तेलंगाना में टीआरएस की सरकार है। जबकि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है।
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