Exclusive: भारत और चीन के बीच तवांग में हुए संघर्ष के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का प्लान 2023
एलएसी पर चीन के मुक़ाबले के लिए नई सड़कों पुलों हेलीपैड का जाल बिछाया जा रहा है जिनमें इंटरलॉकिंग, मेटल लेयरिंग जैसी नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। पिछले 2 सालों में बॉर्डर पर रिकॉर्ड काम किया गया है जिनमें 200 से ज्यादा प्रोजेक्ट शामिल हैं।
इसी साल लद्दाख में शिंकुला टनल का काम भी शुरू किया जा रहा है
मुख्य बातें
- बॉर्डर के इलाकों में अब जितने भी पुल बना रहा है वह सब टी 70 क्लास के पुल है
- ताकि उन पर से बड़े टैंक और आर्टिलरी गन गुज़र सकें
- इसी साल लद्दाख में शिंकुला टनल का काम भी शुरू किया जा रहा है
India China conflict: भारत और चीन सीमा पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन, भारतीय सेना को और ज्यादा ताक़त देने के लिए इस साल नए प्रोजेक्ट्स के विशेष प्लान पर काम कर रहा है। इसके लिए पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत सभी बॉर्डर राज्यों में चीन की सीमा पर सड़कों और टनल का अब तक का सबसे बड़ा जाल बुनने की तैयारी है। इसके अलावा बॉर्डर्स के नज़दीक हेलीपैड्स और एडवांस लैंडिंग ग्राउंड भी तेजी से तैयार किए जा रहे हैं। डायरेक्टर जनरल बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने टाइम्स नाउ नवभारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि BRO को 2023 में अब तक का सबसे बड़ा डिफेंस बजट मिलने की उम्मीद है जो 5000 करोड रुपए तक हो सकता है।
जल्द ही पूर्वी लद्दाख के न्योमा में 18400 फीट पर सबसे ऊंचा एयर स्ट्रिप बनकर तैयार होने वाला है जिससे भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान एलएसी पर कुछ सेकंड में ही उड़ान भर सकेंगे । एलएसी पर चीन को जवाब देने के लिए भारतीय सेना मुस्तैद है और उसको गति देने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन नई सुरंगे तैयार कर रहा है। 3 जनवरी को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सियोम ब्रिज के अलावा 27 बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत की जो सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है इनमें तीन सड़कें और 22 पुल शामिल है इसके अलावा 3 स्ट्रैटेजिक प्रोजेक्ट्स भी शुरू किए गए हैं।
BRO on LAC
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन का दावा है इस साल मई के महीने में सेला टनल का काम पूरा कर लिया जाएगा जिससे ईस्टर्न सेक्टर में सेना को आवाजाही के लिए नया रास्ता मिलेगा और मोबिलाइजेशन भी जल्द होगा। बॉर्डर के इलाकों में अब जितने भी पुल बना रहा है वह सब टी 70 क्लास के पुल है ताकि उन पर से बड़े टैंक और आर्टिलरी गन गुज़र सकें। इसी साल लद्दाख में शिंकुला टनल का काम भी शुरू किया जा रहा है जो लाहौल स्पीति से जंस्कार वैली को जोड़ेगा, सेना को एक और अल्टरनेट रूट मिल सकेगा। डीएसडीबीओ पर भी एक नया टनल बनाया जा रहा है।
शिंकुला टनल दुनिया का सबसे ऊंचा टनल होगा जो 15855 फीट की ऊंचाई पर बनाया जाएगा अब तक 15000 की फीट की ऊंचाई पर दुनिया का सबसे ऊंचा टनल चीन के मीला में मौजूद है, जल्दी बीआरओ चीन का रिकॉर्ड तोड़ने वाला है। बैरकपुर और बागडोगरा में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने दो बड़े एयर फील्ड तैयार कर लिए हैं जो सामरिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है गौरतलब है कि इसी इलाके में रफाल विमानों की दूसरी यूनिट दूसरी स्क्वाडर्न हाशिमारा में तैनात की गई है। डीजी बीआरओ के मुताबिक इस साल 9 नए टनल बनाने के लिए चर्चा शुरू हो चुकी है और मंजूरी मिल जाती है तो अगले 2 सालों में भारत में 20 नए टनल बनाए जा रहे होंगे जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है ।
2021-22 में बीआरओ का बजट ढाई हजार करोड़ था, 2022-23 मई से 40 फ़ीसदी बढ़ाकर 3500 करोड़ रुपए कर दिया गया था और 2023-24 के लिए आने वाले बजट में उम्मीद की जा रही है कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन को 5000 करोड़ रुपए का बजट मिल सकता है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच एलएसी पर अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के लिए भारत पूरा जोर दे रहा है।
बीआरओ के अप्रत्याशित इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट से भारतीय सेना को डेप्लॉयमेंट, मोबिलिटी में मजबूती तो मिल ही रही है साथ ही इन इलाकों में अब रिवर्स माइग्रेशन होने लगा है यानी बॉर्डर के जिन इलाकों को खराब कनेक्टिविटी की वजह से लोग छोड़ कर चले जाते थे अब वही दोबारा बसने की कोशिश कर रहे हैं और इस बसावट से सीमा पर चीन के क्लेम को भी कमजोर कर रहे हैं।
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शिवानी शर्मा author
19 सालों के पत्रकारिता के अपने अनुभव में मैंने राजनीति, सामाजिक सरोकार और रक्षा से जुड़े पहलुओं पर क...और देखें
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