UP में बृजभूषण सिंह ने की विशाल जनसभा, 23 मिनट के भाषण में एक बार भी नहीं लिया पहलवानों का नाम

Brij Bhushan Singh Rally : अयोध्या के जिला प्रशासन ने दो जून को यौन शोषण मामले में आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को पांच जून को रैली का आयोजन करने की अनुमति देने से मना कर दिया था।

बृजभूषण शरण सिंह

Brij Bhushan Singh Rally : कैसरगंज से भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने रविवार को विशाल जनसभा की। अपने 23 मिनट के भाषण की शुरुआत उन्‍होंने उर्दू शायरी से की और अंत रामचरितमानस की चौपाई से किया। बृजभूषण सिंह ने कहा कि, 1947 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, देश का बंटवारा हुआ जिसका घाव अभी तक भरा नहीं है। जब कांग्रेस सत्ता में थी, पाकिस्तान द्वारा आक्रमण कर 78,000 वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली गई। 1962 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, चीन ने हम पर हमला किया और 33,000 वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली। वे बोले कि, 1971 में एक अप्रत्याशित घटना में 92,000 पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना द्वारा युद्ध बंदी बना लिया गया, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पुराना हिसाब निपटाए बगैर उन्हें छोड़ दिया। यदि मोदी जैसा प्रधानमंत्री होता तो कब्जा की गई जमीन मुक्त करा ली गई होती। गौरतलब है कि, उन्‍होंने अपने 23 मिनट के भाषण में पहलवानों का कहीं जिक्र नहीं किया।

सिख दंगों पर का किया जिक्र

बृजभूषण शरण सिंह ने 1975 में देश में आपातकाल लगाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस ने 1984 में सिख विरोधी दंगों में सिखों का नरसंहार कराया। आगे बृजभूषण सिंह ने कहा कि, शुरुआत में हम यह मांग उठाया करते थे कि जहां बलिदान (श्यामा प्रसाद) मुखर्जी हुए, वह कश्मीर हमारा है। हम आज भी गर्व से यह दोहराते हैं और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की वजह से संभव हुआ है।

फेसबुक पोस्ट पर लिखी थी ये बात

उल्लेखनीय है कि, दो जून को अयोध्या के जिला प्रशासन ने यौन शोषण मामले में आरोपी बृजभूषण शरण सिंह को पांच जून को रैली का आयोजन करने की अनुमति देने से मना कर दिया था। हालांकि उन्‍होंने राम कथा पार्क में होने वाली जन चेतना महारैली कुछ दिनों के लिए टालने की बात कही थी। फेसबुक पोस्‍ट के माध्‍यम से उन्‍होंने लिखा था, 'मेरे प्यारे शुभचिंतकों, आपके सहयोग से मैंने लोकसभा सदस्य के तौर पर पिछले 28 वर्षों से सेवा की है। मैंने सत्तारूढ़ पार्टी में या विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। यही वजह से कि मेरे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और उनकी पार्टियों ने मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। मौजूदा स्थिति में कुछ राजनीतिक दल क्षेत्रवाद और जातीय टकराव को बढ़ावा देकर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।'
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