'अंग्रेज हमारा मॉडल अपना 17% से 70% शिक्षित बन गए', RSS चीफ का दावा- ब्रिटिश काल से पहले बेरोजगारी भी लगभग नहीं थी

आरएसएस चीफ के मुताबिक, "यह इतिहास का सत्य है। हमारे यहां व्यवस्था में शिक्षक सबको सिखाता था। उसमें वर्ण-जाति का भेद नहीं होता था। गांव में जाकर शिक्षक सिखाते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे, क्योंकि यह उनका काम और धर्म हुआ करता था।"

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत ने दावा किया है कि अंग्रेजों का गुलाम बनने से पहले हिंदुस्तान में 70 प्रतिशत लोग शिक्षित थे और तब किसी प्रकार की बेरोजगारी भी लगभग नहीं थी। सब लोग उस दौरान अपनी आजीविका का रास्ता खोज लेते थे।

ये बातें रविवार (छह मार्च, 2023) को उन्होंने हरियाणा के करनाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहीं। बकौल भागवत, "ब्रिटिश शासन के पहले हमारे देश की 70 फीसदी आबादी शिक्षित थी और तब बेरोजगारी लगभग नहीं थी। इंग्लैंड में तब 17 प्रतिशत लोग ही पढ़े-लिखे थे। उन्होंने अपना एजुकेशन मॉडल (शिक्षा व्यवस्था) हमारे यहां लागू किया और हमारा मॉडल अपने वहां लागू कर लिया, जिससे वे 70 फीसदी और हम 17 फीसदी शिक्षित बन गए।"

उन्होंने आगे कहा- इन दिनों हमारे देश में स्थिति कुछ ऐसी है कि शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए कोई भी कुछ भी करने को तैयार हो जाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये दोनों चीजें बेहद महंगी और दुर्लभ हो गई हैं। आज के समय में ये चीजें कारोबार के तौर पर की जा रही हैं। हर व्यक्ति तक शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें, यह बेहद जरूरी है।

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