बसपा को 'काशीराम' तो राजद को याद आए 'लोहिया', आडवाणी को भारत रत्न के बाद विपक्ष ने रख दी यह डिमांड
Lal Krishna Advani: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भारत सरकार से पार्टी के संस्थापक कांशीराम को जल्द से जल्द 'भारत रत्न' से सम्मानित करने की मांग की है। तो वहीं राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया से बड़ा संदेश देने वाला समाज में कोई नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं?
लालकृष्ण आडवाणी
Lal Krishna Advani: राम मंदिर आंदोलन के अगुवा व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने के बाद काशीराम और राम मनोहर लोहिया को भी भारत रत्न देने की मांग उठी है। एक तरफ बसपा ने काशीराम को भारत रत्न देने की मांग की है, तो दूसरी तरफ राजद ने कहा है कि समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया की तरफ भी भारत सरकार को ध्यान देना चाहिए।
बता दें, भारत सरकार ने शनिवार को लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए एक बहुत ही भावुक क्षण है। प्रधानमंत्री ने आडवाणी को बधाई देते हुए कहा, आडवाणी जी ने अपने सार्वजनिक जीवन में दशकों तक सेवा करते हुए पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता जताई और राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया। वह हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
काशीराम को भी मिले भारत रत्न
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भारत सरकार से पार्टी के संस्थापक कांशीराम को जल्द से जल्द 'भारत रत्न' से सम्मानित करने की मांग की है। बसपा के राष्ट्रीय समन्वयक और बसपा प्रमुख मायावती के घोषित उत्तराधिकारी आकाश आनन्द ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, देश के करोड़ों दलितों, शोषितों और अल्पसंख्यक समाज को राजनीतिक ताकत देने वाले, सामाजिक परिवर्तन के महानायक मान्यवर कांशीराम साहब को जल्द से जल्द भारत सरकार भारत रत्न सम्मान से सम्मानित करें। उन्होंने कहा, सामाजिक और आर्थिक तौर पर देश के लोगों को सशक्त करने में कांशीराम का योगदान अतुलनीय है।
लोहिया की तरफ ध्यान क्यों नहीं दे रहे प्रधानमंत्री मोदी
राजद सांसद मनोज झा ने कहा, लाल कृष्ण आडवाणी को लंबा प्रशासनिक अनुभव रहा है। हालांकि, एक दूसरा पहलू यह भी है कि इस देश के 40 साल उस विवाद में गुजर गए, जिसके रचयिता लाल कृष्ण आडवाणी थे। उन्होंने मंदिर-मस्जिद विवाद को शुरू किया था। राजद नेता ने आगे कहा, डॉ. राम मनोहर लोहिया से बड़ा संदेश देने वाला समाज में कोई नहीं है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं?
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