UP Politics: BSP सांसद रितेश पांडेय ने छोड़ा मायावती का साथ, BJP में हुए शामिल

BSP MP Ritesh Pandey Resigns: अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा बसपा सुप्रीमो मायावती को सौंपा है। इसके बाद उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली।

भाजपा में शामिल हुए बीएसपी सांसद रितेश पांडेय

BSP MP Ritesh Pandey Resigns: लोकसभा चुनाव से पहले बीएसपी को बड़ा झटका लगा है। अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा बसपा सुप्रीमो मायावती को सौंपा है। रितेश पांडेय ने बसपा से इस्तीफा देने के तुरंत बाद यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व यूपी भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की मौजूदगी में भाजपा ज्वाइन कर ली।

रितेश पांडेय ने अपना इस्तीफा सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा किया है। इसमें उन्होंने पार्टी की बैठकों में न बुलाए जाने का आरोप लगाया। सांसद रितेश पांडेय ने कहा, लंबे समय से मुझे न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है, मैंने आपसे तथा शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क के लिए अनगिनत प्रयास किए, लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला। ऐसे में मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सवा और उपस्थिति की अब कोई आवश्यकता नहीं रही। इसलिए मैंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है।

मायावती ने भी किया पोस्ट

रितेश पांडेय के इस्तीफे के बाद मायावती ने भी एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है। अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है? ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि।

End Of Feed