सोमनाथ में बुलडोजर कार्रवाई: SC ने कहा, आदेश की अवमानना हुई है तो जिम्मेदार अधिकारियों को भेजेंगे जेल

याचिकाकर्ता ने कहा कि गुजरात में अधिकारियों ने तोड़फोड़ करके 17 सितंबर के आदेश का उल्लंघन किया है। याचिका में इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है।

Bulldozer in somnath

सोमनाथ में ढहाया अतिक्रमण

मुख्य बातें
  • गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आसपास अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन मामला
  • कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे दाखिल अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई
  • कोर्ट ने कहा, अगर हमारे आदेश की अवमानना हुई होगी तो जिम्मेदार अधिकारी को जेल भेजेंगे
Bulldozer action in Somnath: गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आसपास अवैध निर्माण पर हाल ही में हुए बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अवमानना याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हमारे आदेश की अवमानना हुई होगी तो हम उसे पुनर्स्थापित करने का आदेश देंगे और जिम्मेदार अधिकारियों को जेल भी भेजेंगे। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये सरकार की जमीन है। इस पर कार्रवाई का काम 2023 से चल रहा था।

पाटनी मुस्लिम जमात ने दाखिल की याचिका

पाटनी मुस्लिम जमात ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। इसमें गिर सोमनाथ के कलेक्टर और गुजरात के अधिकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए अवैध तोड़फोड़ का आरोप लगाया गया है। इस याचिका में गुजरात के अधिकारियों द्वारा 28 सितंबर को नोटिस और सुनवाई का अवसर दिए बिना मुस्लिम धार्मिक और आवासीय स्थलों को अवैध रूप से तोड़ने का आरोप लगाया गया है। याचिका में कहा गया है, प्रतिवादियों ने 28 सितंबर 2024 को बिना किसी नोटिस और सुनवाई का अवसर दिए मस्जिदों, ईदगाहों, दरगाहों, मकबरों और आवासीय स्थानों सहित सदियों पुराने मुस्लिम धार्मिक पूजा स्थलों को सुबह-सुबह अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया।
याचिकाकर्ता ने कहा कि गुजरात में अधिकारियों ने तोड़फोड़ करके 17 सितंबर के आदेश का उल्लंघन किया है। याचिका में इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की गई है। याचिका में गुजरात राज्य के प्रमुख सचिव, गिर सोमनाथ के कलेक्टर, एसपी और अन्य को पार्टी बनाया गया है। जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की।

क्या है मामला?

28 सितंबर को गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ मंदिर के पास सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए शनिवार को चलाए गए अभियान के दौरान 135 लोगों को हिरासत में लिया गया। जिला प्रशासन ने एक बयान में कहा कि सोमनाथ मंदिर स्थल, वेरावल के प्रभास पाटन में सरकारी भूमि पर अनधिकृत संरचनाओं को हटाने के लिए चलाए गए अभियान के लिए सैकड़ों पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। प्रशासन ने कहा कि तड़के शुरू हुए अभियान के दौरान धार्मिक संरचनाओं और कंक्रीट के घरों को ध्वस्त कर दिया गया और 60 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 15 हेक्टेयर सरकारी भूमि को मुक्त कराया गया।
इस कार्य में 52 ट्रैक्टरों, 58 बुलडोजरों, दो हाइड्रा क्रेनों, पांच ट्रक, दो एम्बुलेंस और तीन दमकल गाड़ियों को शामिल किया गया। वरिष्ठ पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ 788 पुलिस कर्मियों और राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के जवानों को तैनात किया गया था। इस अवसर पर तीन पुलिस अधीक्षक, चार पुलिस उपाधीक्षक, 12 निरीक्षक, 24 उपनिरीक्षक, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, उप-मंडल मजिस्ट्रेट और कार्यपालक मजिस्ट्रेट उपस्थित थे। पुलिस ने बताया कि अभियान के तहत करीब 135 लोगों को हिरासत में लिया गया। इलाके में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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